अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को रूस पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करने की अनुमति देने पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
अब सवाल ये उठता है कि अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने के बाद क्या ट्रंप कीएव को दी जाने वाली मदद बरकरार रखेंगे या इस फैसले को पलट देंगे.
ट्रंप का रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ करने का इतिहास रहा है और ट्रंप यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता के कड़े आलोचक रहे हैं.
ट्रंप ने यह दावा किया है कि वह एक दिन में रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर देंगे, लेकिन कैसे करेंगे ये नहीं बताया.
ट्रंप और उनकी टीम की टिप्पणियों से यह अनुमान लगाया जाता रहा है कि ट्रंप की योजना के तहत यूक्रेन के जिन क्षेत्रों पर मॉस्को के सैनिकों ने कब्ज़ा कर लिया है उन्हें रूस को सौंप दिया जाएगा.
अमेरिका के भावी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने सितंबर में एक पॉडकास्ट में कहा था कि "शायद इसकी उम्मीद है कि इस समय समझौता वर्तमान सीमाओं पर तय हो सकता है जो बाद में गैर फ़ौजीकरण वाले क्षेत्र बन जाएंगे."
इसलिए यूक्रेन को बड़ी मिसाइल से रूस पर हमले करने की अमेरिका से मिली अनुमति को अगले राष्ट्रपति के सत्ता में आने पर बदला जा सकता है.