- रूस के विदेशमंत्री ने कहा है कि नाटो यूरेशिया, एशिया और पैसेफ़िक पर आधिपत्य जमाने की चेष्टा में है।
रूस के विदेशमंत्री सरगेई लावरोफ़ ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बारे में कहा कि नाटो एशिया, यूरेशिया और प्रशांत पर अपना वर्चस्व व आधिपत्य जमाने की चेष्टा में है।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार सरगेई लावरोफ़ ने कहा कि नाटो हालिया वर्षों में न केवल हमारे पश्चिम में बल्कि पूरी दुनिया में वह अपनी भूमिका बढ़ाने और आधिपत्य जमाने की चेष्टा में है और वह कहता है कि एशिया और प्रशांत में उसके प्रभाव में विस्तार और वहां पर नाटो ब्लाक की स्थापना नाटो सदस्यों की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी व महत्वपूर्ण है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने 14 जुलाई वर्ष 2024 को इस देश के विदेशमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों से भेंट में कहा था कि यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा के बारे में चर्चा करने का समय आ गया है और इस क्षेत्र में विदेशी सैनिकों की उपस्थिति को सीमित किया जाना ज़रूरी है।
नाटोः उत्तर कोरिया और रूस के मध्य सहयोग यूरोप की सुरक्षा के अलावा दूसरों के लिए भी ख़तरा है
नाटो के नये महासचिव Mark Rutte ने सात नंबर 2024 को कहा था कि यूक्रेन युद्ध में रूस और उत्तरी कोरिया के मध्य सहयोग न केवल यूरोप के लिए ख़तरा है बल्कि विश्व की सुरक्षा के लिए ख़तरा है। नाटो के महासचिव ने इसी प्रकार कहा कि यह ख़तरा यूरोप की सीमा से बढ़कर है और विश्व समुदाय की ओर से इसके प्रति समन्वित प्रतिक्रिया दिखाये जाने की ज़रूरत है।
इसी परिप्रेक्ष्य में जर्मनी ने भी एलान किया है कि नाटो के यूरोपीय सदस्यों के रक्षा बजट में वृद्धि की जानी चाहिये।
जर्मनी की विदेशमंत्री Annalena Charlotte Alma Baerbock ने कहा है कि इस समय यूरोप के सकल उत्पाद की आय के दो प्रतिशत को रक्षा बजट के लिए विशेष किया जाना काफ़ी नहीं है। उन्होंने नाटो के यूरोपीय सदस्यों के रक्षा बजट में वृद्धि किये जाने का मांग की।
नाटो के अनुसार इस संगठन के बारे में ट्रंप के सुझाव व प्रस्ताव की कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
अटलांटिक परिषद के एक विश्लेषक Dr. PHILLIP DICKINSON का मानना है कि पिछले एक वर्ष के दौरान यूरोप के लोग पूछते थे कि क्या नाटो ट्रंप के दोबारा चुने जाने के परिणामों से सुरक्षित रह सकता है और इन लोगों की अपेक्षा यह थी कि अमेरिका के लोग दोबारा ट्रंप को नहीं चुनेंगे और इस प्रश्न का उत्तर देने व जानने देने के लिए वे बाध्य नहीं होंगे।
ट्रंप की जीत से नाटो को निकट संकट का सामना होगा
साप्ताहिक पत्रिका "न्यूज़वीक" ने अपने नवीनतम संस्करण में लिखा है कि वाइट हाउस में ट्रंप के दोबारा वापस आ जाने से नाटो को निकट भविष्य में संकट का सामना होगा क्योंकि नाटो के सदस्य देश अपनी सुरक्षा और नाटो के अस्ली सदस्य के रूप में अमेरिका पर भरोसो को लेकर चिंतित हैं।
न्यूज़वीक ने इसी प्रकार लिखा है कि नाटो के सदस्य देश अपनी बैठकों में इस बात को जानने का प्रयास कर रहे हैं कि कहीं ऐसा न हो कि अमेरिका यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन को कम कर दे।
अमेरिकी पत्रिका "फ़ा᳴रेन पा᳴लिसी" ने लिखा है कि नाटो इस बात को मानता व स्वीकार करता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन की हार होगी।
अमेरिकी पत्रिका फ़ा᳴रेन पा᳴लिसी ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि नाटो इस बात को मानता है कि इस युद्ध में यूक्रेन हार रहा है और डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी भाषणों में कहा था कि शीघ्र ही वे इस युद्ध को समाप्त कर देंगे उनके इस बयान से यूक्रेन के बारे में चिंता में वृद्धि हो गयी है। MM