पीड़ितों के परिजनों से मिलने के बाद सपा सांसद बर्क ने मीडिया से प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया.
समाजवादी पार्टी के विधायकों और सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को संभल का दौरा कर हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाक़ात की.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाक़ात की और उन्हें पाँच-पाँच लाख रुपए के चेक सौंपे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे.
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर उत्तर प्रदेश के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने निशाना साधा है.
उन्होंने कहा, "समाजवादी पार्टी ने पहले तो संभल को जलने को छोड़ दिया, दंगा करवा दिया. अब वे वहां प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं. संभल की जनता आपको माफ़ नहीं करेगी. अब ये सब करने का कोई मतलब नहीं है."
पीड़ितों के परिजनों से मिलने के बाद संभल से समाजवादी पार्टी सांसद ज़िया उर रहमान बर्क ने कहा, “जिस प्रकार की घटना यहां अंजाम दी गई, उससे सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश और देश शर्मसार है. संभल पहले भी अति संवेदनशील जगह रही है और यहां पहले ज़रूर हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच झगड़े थे लेकिन अब यह भी हकीक़त है कि 29 साल से यहां हिंदू-मुसलमान के बीच कोई फसाद नहीं हुआ था.”
उन्होंने कहा, “लोग सुकून से रह रहे हैं और इस सुकून को आग लगाई गई है और ये भी सच है कि हमारे पांच लोगों की जान गई है.”
बर्क ने आरोप लगाते हुए कहा, “अफसोस की बात है कि हमारे लोगों की ही हत्या हुई और केवल हमारे लोगों पर ही मुक़दमे दर्ज किए गए. यह कैसा इंसाफ़ है. लेकिन हम संविधान को मानते हैं और न्यायालय पर हमारा पूरा भरोसा कायम है कि हमें इंसाफ़ मिलेगा.”
उन्होंने कहा, “हमने अपनी आवाज़ संसद और विधानसभा में उठाई, उसी का ख़ामियाजा है कि मेरे, मेरे वालिद और हमारे विधायक के बेटे के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया और यह दिखाता है कि पुलिस प्रशासन अपनी नाकामी या करतूत को छिपाना चाहता है.”
संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा हुई थी और प्रशासन की ओर से कहा गया था कि चार लोगों की मौत हुई थी.
पिछले एक महीने से संभल में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन ने मस्जिद के सामने खाली पड़ी ज़मीन पर एक पुलिस चौकी बनानी शुरू कर दिया है.