राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ ज़िले में कीरतपुर के बडियाली की ढाणी में 23 दिसंबर की दोपहर 700 फुट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की चेतना को सात दिन बीत जाने के बावजूद नहीं निकाला जा सका है.
अब हरियाणा से पाइलिंग मशीन मंगाई गई है और उत्तराखंड टनल हादसे के दौरान सफल रेस्क्यू करने वाले रैट माइनर्स को भी बुलाया गया है.
बच्ची के बोरवेल में गिरने के अगले ही दिन से कोई मूवमेंट भी कैमरे में ट्रैक नहीं हुआ है. बोरवेल में गिरने के बाद से ही बच्ची को पानी तक नहीं पहुंचाया जा सका है.
बोरवेल में चेतना क़रीब 170 फीट की गहराई पर फंसी हुई है.
बीते दिनों बारिश के कारण कई बार रेस्क्यू ऑपरेशन भी रोकना पड़ा. कई प्रयास फेल होने के बाद बोरवेल के बगल में खुदाई की गई और अब बच्ची तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई जा रही है.
परिजनों ने प्रशासन पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही के आरोप लगाए हैं. चेतना की मां ने मीडिया से कहा, "यदि कलेक्टर की बच्ची फंसी होती तो भी क्या इतनी ही लापरवाही बरती जाती."
ज़िला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा, "रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. हमारी प्राथमिकता बच्ची तक पहुंचना है और एक मिनट के लिए भी ऑपरेशन नहीं रोका जा रहा है."
बच्ची तक पहुंचे में अभी कितना समय लगेगा? इस सवाल पर कलेक्टर कल्पना अग्रवाल कहती हैं, "अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. नीचे पत्थर आने से खुदाई में समय लग रहा है."
23 दिसंबर को बोरवेल में गिरने की सूचना पर स्थानीय पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य शुरू किया. एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ टीमें भी मौके पर हैं.
बीते दिनों दौसा में पांच साल का आर्यन बोरवेल में गिर गया था. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन से बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन आर्यन को बचाया नहीं जा सका था.