Breaking

यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Wednesday, 15 January 2025

वह राष्ट्र जिसने महान साम्राज्यों को घुटनों पर ला दिया, यमन कभी पराजित क्यों नहीं होगा?

वह राष्ट्र जिसने महान साम्राज्यों को घुटनों पर ला दिया, यमन कभी पराजित क्यों नहीं होगा?
अमरीका, ब्रिटेन और इज़राइल के त्रिकोणीय गठबंधन के ख़िलाफ़ सफ़लता की अद्वितीय उपलब्धि का उल्लेख करते हुए अरब जगत के एक विश्लेषक ने लिखा है कि यमनी कभी भी झुकेंगे।

राय अल-यौम वेबसाइट पर प्रकाशिश होने वाले अपने नए लेख में अब्दुल बारी अतवान ने यमनियों द्वारा ग़ज़ा के समर्थन को रोकने में नाकाम त्रिकोणीय गठबंधन अमरीका, ब्रिटेन और इज़राइल की नाकामी के बारे में लिखाः यह यमनी जनता और नेतृत्व के इतिहास में एक अभूतपूर्व और वीरतापूर्ण उपलब्धि है, जो उसकी गरिमा, साहस और विश्वास को प्रदर्शित करती है।

अतवान ने आगे लिखाः हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। जो लोग इस देश और राष्ट्र को जानते हैं, उन्हें इसकी सफलताओं की लम्बी सूची की भी जानकारी है। पार्स टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनियों की ग़लती यह थी कि उन्होंने यमन को, 2,800 किलोमीटर की दूरी के बावजूद, सीधे टकराव के क्षेत्र में घसीटने और अरब सरकारों को ज़ायोनी शासन के समर्थक में बदलने की कोशिश की। ज़ायोनी चाहते थे यह अरब देश, नया क्षेत्र बनाने के लिए उसकी आक्रामकता का समर्थन करें।

अरब जगत के इस वरिष्ठ विश्लेषक ने भविष्य में यमनी मोर्चे के विस्तार का ज़िक्र करते हुए कहाः इस मोर्चे के पास शक्ति के सभी उपकरण हैं। उसके नेता और लोग आत्मविश्वास, न्याय, नैतिकता और आत्म-सम्मान जैसे मूल्यों से लैस हैं। पूरे इतिहास में, यमनियों ने हर युद्ध में विजय प्राप्त की है और बड़े-बड़े साम्राज्यों को धूल चटाई है। इसलिए हमें विश्वास है कि ज़ायोनी शासन इस नियम का अपवाद नहीं है।

उन्होंने यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन और इस आंदोलन के लोकप्रिय आधार के ख़िलाफ़ ज़ायोनी शासन की धमकियों का उल्लेख करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि इन धमकियों से कुछ हासिल नहीं होगा और इनका इस्तेमाल केवल यमनी सेना, उसकी हाइपरसोनिक मिसाइलें और उसके उन्नत ड्रोन विमानों और ज़ायोनी लोगों के डर, आतंक और हताशा को छिपाने के लिए किया जा रहा है। उनके इन हथियारों ने क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों की गहराई को निशाना बनाकर, ज़ायोनयों को भयभीत कर दिया और 4 मिलियन से अधिक ज़ायोनियों को शरणस्थलों में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया है।

अब्दुल बारी अतवान ने शुक्रवार को यमन पर अमरीका, ब्रिटेन और ज़ायोनी शासन के व्यापक हमले में 6 यमनी मुजाहिदों की शहादत का उल्लेख करते हुए कहाः यह इस स्तर का पांचवा हमला है, जिसके कारण यमनियों की ओर से तीव्र और व्यापक प्रतिक्रिया की आशंका के कारण ज़ायोनी शासन भयभीत है। लाल सागर, अरब सागर और हिंद महासागर में अमेरिकी और ब्रिटिश विमानवाहक पोतों और विध्वंसक जहाज़ों पर यमनियों द्वारा किए गए व्यापक हमलों के कारण, यह भय और डर बढ़ रहा है।

अरब जगत के प्रसिद्ध विश्लेषक अतवान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ज़ायोनी शासन की स्थिति केवल भौतिक नुक़सान से नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक नुक़सान से मापी जाती है, जो कहीं अधिक ख़तरनाक है, क्योंकि ज़ायोनी समाज का सामाजिक ताना-बाना नाज़ुक है और इस शासन की ख़ुफ़िया और सैन्य श्रेष्ठता नष्ट हो रही है।

उन्होंने अपने लेख का समापन यह कहते हुए कियाः यमन आत्मसमर्पण नहीं करेगा। उनके 12,000 साल के इतिहास में हार या आत्मसमर्पण का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हम यमन के इतिहास और उसके लोगों की ताक़त को जानते हैं, और हमें पूरा विश्वास है कि उनकी दृढ़ता और विश्वास इस्लामी उम्मत में सम्मान, आत्मविश्वास और जीत की वापसी का आधार बनेगा, और ग़ज़ा के लोग भी जीत का स्वाद चखेंगे। यमनी सेना तब तक इज़रायली ठिकानों पर हमले जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जब तक कि ज़ायोनी शासन ग़ज़ा पर अपने हमले बंद नहीं कर देता है। msm