यूक्रेन ने यूरोपीय संघ के देशों को अपने देश से होते हुए रूसी गैस की आपूर्ति बंद कर दी है.
यह इस इलाक़े में गैस आपूर्ति की वर्षों पुरानी व्यवस्था थी, जो अब समाप्त हो गई है.
यूक्रेन के गैस ट्रांजिट ऑपरेटर नैफ्टोगैज़ और रूस के गैज़प्रोम के बीच पांच साल का समझौता समाप्त होने के बाद यह आपूर्ति बंद हुई है. यूक्रेन ने यूरोपीय संघ को तैयारी के लिए एक साल का समय भी दिया था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पहले ही कहा था कि उनका देश रूस को "हमारे ख़ून से अब अरबों की कमाई करने" की अनुमति नहीं देगा. इस बीच पोलैंड की सरकार ने कहा है कि यह रूस के ख़िलाफ़ एक और जीत है.
यूरोपीय आयोग ने कहा कि यूरोपीयन यूनियन ने इस बदलाव की तैयारी कर रखी थी और ज़्यादातर देश इससे निपटने में सक्षम हैं.
33 साल पुराना रास्ता बंद
रूस अब भी ब्लैक सी के पार टर्कस्ट्रीम पाइपलाइन के ज़रिए हंगरी, तुर्की और सर्बिया को गैस भेज सकता है.
रूस की कंपनी गैज़प्रोम ने इस बात की पुष्टि की है कि यूक्रेन होते हुए गैस का निर्यात स्थानीय समय के मुताबिक़ बुधवार सुबह आठ बजे से बंद हो गई है.
रूस साल 1991 से यूक्रेन होते हुए यूरोप को गैस पहुंचाता रहा है.
यूक्रेन से होकर गैस की सप्लाई रुकना यूरोपीय संघ में सस्ते रूसी गैस के युग के अंत का संकेत है.
यूक्रेन के इस फ़ैसले की वजह से स्लोवाकिया सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है लेकिन यूरोपीय आयोग का कहना है कि नए हालात का असर काफ़ी सीमित रहेगा.
आयोग ने इसका श्रेय सावधानीपूर्वक बनाई गई योजना और वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था को दिया है.
हालाँकि पूरे यूरोप के लिए इसका रणनीतिक और सांकेतिक असर बहुत बड़ा है.
रूस ने अब अपना एक अहम बाज़ार खो दिया है लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि इसका यूरोपीय संघ के देशों को सबसे ज़्यादा नुक़सान होगा.
यूरोपीय संघ ने साल 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से रूस से गैस के आयात को काफ़ी कम कर दिया था.
लेकिन पूर्वी यूरोप के कई सदस्य देश अब भी रूसी आपूर्ति पर काफ़ी हद तक निर्भर हैं, जिससे रूस को हर साल क़रीब 5.2 अरब डॉलर की कमाई होती है.
आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2023 में यूरोपियन यूनियन ने जितनी गैस का आयात किया था, उसमें रूसी गैस की हिस्सेदारी 10% से भी कम थी जबकि साल 2021 में यह हिस्सेदारी 40% थी.
लेकिन स्लोवाकिया और ऑस्ट्रिया सहित यूरोपीय संघ के कई देश रूस से बड़ी मात्रा में गैस का आयात अब भी कर रहे थे.