ईरानी विशेषज्ञों द्वारा निर्मित पहला सिग्नल-सूचना विध्वंसक पोत इस्लामिक रिपब्लिक नौसेना में शामिल हो गया है।
ईरान के पहले ख़ुफ़िया-सिग्नल जहाज़ का नाम ज़ाग्रस है। इसे इस्लामी गणतंत्र ईरान की नौसेना के दक्षिणी बेड़े में शामिल करने के समारोह में सशस्त्र बलों के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मेजर जनरल मोहम्मद बाक़ेरी, सेना के कमांडर-इन-चीफ़ मेजर जनरल सैय्यद अब्दुलरहीम मूसवी और सेना और सशस्त्र बलों के अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया। पार्स टुडे के अनुसार, ज़ाग्रस ख़ुफिया-युद्धपोत पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे ईरानी युवाओं और विशेषज्ञों के प्रयासों से बनाया गया है। यह समुद्री सुरक्षा के अनुरूप ख़ुफ़िया जानकारियों के एत्रित करने के मामले में ईरानी नौसेना की ज़रूरतों को पूरा करता है।
सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों से लैस ईरानी ज़ाग्रस विभिन्न दूरियों पर नौसैनिक और हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। यह विध्वंसक उन्नत तोपख़ाने और हथियारों के के अलावा, निकट लक्ष्यों को भेदने में भी सक्षम है।
इस विध्वंसक की एक उत्कृष्ट विशेषता इसकी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली है, जो इलेक्ट्रॉनिक ख़तरों की पहचान करने और उनका मुक़ाबला करने में प्रभावी भूमिका निभा सकती है।
हेलीकॉप्टर ले जाने की क्षमता और हवाई संचालन के लिए उपयुक्त डेक से सुसज्जित ज़ाग्रस विध्वंसक, नौसेना के लिए उच्च परिचालन की क्षमता प्रदान करती है। इसकी उन्नत नेविगेशन प्रणाली विविध समुद्री परिस्थितियों में भी संचालन के लिए भूमि प्रशस्त करती है, और इसकी शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली हवाई हमलों के विरुद्ध पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करती है। msm