ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मेजर जनरल बाक़िरी, ईरान और ईरानी विश्व में नई शक्ति के स्तंभ
ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मेजर जनरल बाक़िरी ने 22 बहमन को इस्लामी क्रांति की सफ़लता की वर्षगांठ के अवसर पर अपने एक संदेश में कहा कि इस ग़ैर क़ाबिले इंकार वास्तविकता को याद दिलाना प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद है कि विश्व की शक्तियां इस्लामी गणतंत्र ईरान की क्षमताओं व संभावनाओं, प्रगतियों, राजनीतिक और भौगोलिक क्षमताओं व योग्यताओं को देखकर हतप्रभ और भयभीत हैं।
उन्होंने बड़ी शक्तियों की खोखली धमकियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि इन शक्तियों को चाहिये कि स्वयं को दुनिया में नई शक्ति को क़बूल करने के लिए तैयार करें और ईरान और ईरानी उसके अस्ली व मूल स्तंभ हैं।
पार्सटुडे- मेजर जनरल बाक़िरी ने कहा कि 22 बहमन को ईरान की इस्लामी क्रांति की सफ़लता की 46वीं वर्षगांठ मनाई गयी और यह क्रांति स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. के नेतृत्व में क्षेत्र और विश्व में चकित कर देने वाले परिवर्तन का आरंभिक बिन्दु है।
इसी प्रकार उन्होंने कहा कि अमेरिका के शैतानी वर्चस्व और पश्चिमी ब्लाक से ईरान और ईरानियों की आज़ादी और गर्व और शक्ति की चोटी को सर करने के लिए ईरानियों का पवित्र जेहाद और इस सरज़मीन का एक शक्ति में बदल जाना नाक़ाबिले इंकार हक़ीक़त है।
ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मेजर जनरल बाक़िरी ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जो चीज़ इस्लामी क्रांति को साम्राज्यवादी मोर्चे के हमलों व ख़तरनाक षडयंत्रों से सुरक्षित रखे हुए है वह ईरानी राष्ट्र व लोगों की अंतरदृष्टि, होशियारी, ईमान और क्रांतिकारी भावना है।
इसी प्रकार उन्होंने ईरान की प्रतिरक्षाशक्ति और प्रगति को ज्ञान, विज्ञान और तकनीक पर एकाधिकार को ख़त्म करने वाला बताया और कहा कि ईरान की शक्तिजनक उपलब्धियां सर्वोच्च नेतृत्व की छत्रछाया और दिशा-निर्देशन में प्राप्त हुई हैं। MM