बस्तर के आईजी पुलिस सुंदरराज पी ने कहा है कि सीपीआई माओवादी संगठन आज पूर्णतः विघटन की कगार पर है. जहां न तो कोई सक्षम नेतृत्व बचा है और न ही कोई रणनीतिक दिशा.
माओवादियों द्वारा जारी विज्ञप्ति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुंदरराज पी ने कहा कि यह एक नेतृत्वविहीन और बिखरते हुए संगठन की प्रासंगिकता बनाए रखने की अंतिम कोशिश है.
सोमवार को सीपीआई माओवादी ने अपने महासचिव नंबाला केशव राव ऊर्फ़ बसवराजू समेत 27 माओवादियों के मारे जाने को लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा था कि क्रांतिकारी विचारों को ख़त्म करना संभव नहीं है.
मंगलवार को इस विज्ञप्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए बस्तर के आईजी पुलिस सुंदरराज पी ने कहा, "बसवराजू के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं अब बेमानी हैं. उनकी मौत के साथ ही यह आंदोलन अपनी वैचारिक और संचालन क्षमता भी खो चुका है. यह माना जा सकता है कि बसवराजू ही इस अवैध संगठन का अंतिम महासचिव था."
"21 मई 2025 भारत के वामपंथी उग्रवाद विरोधी इतिहास में एक निर्णायक दिन के रूप में याद किया जाएगा. मारे गए बसवराजु, जो कि माओवादी संगठन के सर्वोच्च नेता थे. उनकी मौत से संगठन को केवल सैन्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी गहरा आघात पहुंचा है. माओवादी आंदोलन के मुख्य गढ़ में 27 सशस्त्र उग्रवादियों का खात्मा सुरक्षा बलों की दृढ़ता और प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है."
छत्तीसगढ़ में नंबाल्ला केशव राव उर्फ़ बसवराजू सहित अन्य कई माओवादियों के मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) यानी सीपीआई-माओवादी ने मंगलवार को प्रेस रिलीज़ जारी की थी.
प्रेस रिलीज़ में सीपीआई-माओवादी ने बसवराजू की सुरक्षा में हुई चूक को पार्टी की विफलता बताया.
माओवादियों ने विज्ञप्ति में कहा, "पार्टी के महासचिव के मारे जाने में सरेंडर करने वाले माओवादियों का बड़ा हाथ है."