इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया मोड़ आया है। शनिवार सुबह इजरायल ने तेहरान के गिशा इलाके में मिसाइल हमला किया, जिसमें एक परमाणु वैज्ञानिक की मौत हो गई। इजरायली मीडिया का दावा है कि यह हमला इजरायली सेना (IDF) द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिकों को निशाना बनाने के लिए किया गया। एक इजरायली अधिकारी ने कहा, “यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लक्षित करने के लिए था।” हालांकि, ईरान सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
ईरान के राष्ट्रपति की कड़ी चेतावनी
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “इजरायल को तुरंत हमले रोकने चाहिए, वरना हम करारा जवाब देंगे।” ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जब तक इजरायल हमले जारी रखेगा, तब तक हम अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं करेंगे।” ईरान ने ऐसी स्थिति में युद्ध रोकने की किसी भी चर्चा को असंभव बताया है।
IAEA प्रमुख का यू-टर्न
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने अपने पिछले बयान से यू-टर्न लिया है। उन्होंने पहले दावा किया था कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है, लेकिन अब उन्होंने कहा, “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है।” गौरतलब है कि IAEA के रिपोर्ट और ग्रॉसी के बयान के बाद ही इजरायल ने हमले तेज किए थे।
ईरान का जवाबी हमला
ईरान ने भी इजरायल पर जवाबी हमले किए हैं। गुरुवार को ईरान ने इजरायल की एक अस्पताल सहित कई स्थानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें कई लोग घायल हुए। ईरान की एक मिसाइल इजरायल के मध्य में 7 किलोमीटर की ऊंचाई पर फटी, जिसके कारण उसमें मौजूद 20 क्लस्टर बम 8 किलोमीटर के दायरे में बिखर गए और तबाही मचाई।
इजरायल पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
इजरायल पर फिलिस्तीन में क्लस्टर बम से हमले करने का आरोप है, जिसमें 50,000 से अधिक बच्चों और महिलाओं की मौत होने की बात कही जा रही है। इन हमलों को मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए ईरान ने इजरायल की आलोचना की है। ईरान का कहना है कि इजरायल जब खुद मानवता को भूलकर हमले करता है, तब उसे मानवाधिकार याद नहीं आते, लेकिन जब ईरान जवाब देने की बात करता है, तब उसे सब कुछ याद आने लगता है।
इन घटनाओं से दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति और गंभीर हो रही है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर चिंता जता रहा है।