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Saturday, 21 June 2025

इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़रायल कात्ज़ का बयान और गाजा में अस्पतालों पर हमले: भारतीय मीडिया की चुप्पी पर सवाल

इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़रायल कात्ज़ का बयान और गाजा में अस्पतालों पर हमले: भारतीय मीडिया की चुप्पी पर सवाल
इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़रायल कात्ज़ ने हाल ही में कहा, "जो व्यक्ति अस्पतालों पर हमला करता है, वह इस दुनिया में रहने के लायक नहीं है।" यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गाजा में अस्पतालों और स्कूलों पर इज़रायली हमले लगातार सुर्खियों में हैं। गाजा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है, जहां अस्पतालों और स्कूलों को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। इन हमलों में सैकड़ों नागरिक, खासकर बच्चे और महिलाएं, प्रभावित हुए हैं। कात्ज़ का यह बयान उनके अपने कार्यों के खिलाफ एक विरोधाभास के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इज़रायल पर गाजा में नागरिक सुविधाओं को निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं।
          भारतीय मीडिया की दोहरी नीति
भारतीय मुख्यधारा का मीडिया, जिसे अक्सर "गोदी मीडिया" कहा जाता है, इज़रायल के दावों का समर्थन करते हुए गाजा में अस्पतालों पर हुए हमलों को या तो नजरअंदाज करता है या उनका बचाव करता है। उदाहरण के लिए, कुछ भारतीय चैनल इज़रायल के इस दावे को बढ़ावा देते हैं कि गाजा के अस्पतालों में हमास के सैन्य ठिकाने हैं, लेकिन इन दावों की स्वतंत्र जांच की मांग नहीं करते। दूसरी ओर, भारत में ही कई अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं जैसे डॉक्टरों, बिजली और दवाइयों की कमी है, लेकिन इस पर भारतीय मीडिया का ध्यान शायद ही जाता है। यह दोहरा रवैया सवाल उठाता है कि क्या भारतीय मीडिया केवल चुनिंदा मुद्दों पर आवाज उठाता है, जो वैश्विक शक्तियों के हितों के अनुरूप हों।

गाजा में मानवीय संकट और वैश्विक चुप्पी
गाजा में अस्पतालों और स्कूलों पर हमले अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन माने जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने इन हमलों की निंदा की है, लेकिन ठोस कार्रवाई का अभाव है। इज़रायल का दावा है कि हमास नागरिक सुविधाओं को ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है, लेकिन गाजा के नागरिकों का कहना है कि ये हमले उनकी बुनियादी ज़रूरतों को निशाना बना रहे हैं। इस बीच, भारत जैसे देशों की सरकारें और मीडिया इस संकट पर तटस्थ रुख अपनाए हुए हैं, जिससे मानवीय संकट को लेकर वैश्विक स्तर पर जवाबदेही की कमी उजागर होती है।

क्या है समाधान?
कात्ज़ के बयान और गाजा में हो रहे हमलों के बीच विरोधाभास को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वतंत्र जांच की मांग करनी चाहिए। गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की बहाली के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, भारतीय मीडिया को अपने देश के अस्पतालों की बदहाल स्थिति पर भी उतनी ही तत्परता से आवाज उठानी चाहिए, जितनी वह वैश्विक मुद्दों पर करता है। सच्चाई और निष्पक्षता के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण ही इस संकट के समाधान की दिशा में पहला कदम हो सकता है।