अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त प्रवासन नीतियों के ख़िलाफ लॉस एंजेलिस में होने वाले व्यापक प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गए हैं।
लॉस एंजेलिस में ये बड़े पैमाने पर प्रदर्शन, जो अप्रवासी नागरिकों को गिरफ्तार करने के लिए आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (ICE) की व्यापक कार्रवाई की प्रतिक्रिया में शुरू हुए थे, रविवार को ट्रंप के आदेश पर 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती के बाद और अधिक तेज हो गए।
पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस क़दम की कड़ी आलोचना अमेरिका की कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों द्वारा की गई है, जिनमें पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और डेमोक्रेटिक सीनेटर बर्नी सैंडर्स शामिल हैं।
इरना की रिपोर्ट के अनुसार कमला हैरिस ने रविवार को कैलिफोर्निया स्थित अपने निवास से एक बयान में नेशनल गार्ड की तैनाती को "बर्बर" और "संघर्षों को ख़तरनाक रूप से भड़काने वाला" क़रार दिया। उन्होंने प्रदर्शनों को "पूरी तरह शांतिपूर्ण" बताया और प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया।
हालांकि रिपोर्टों में शहर के विभिन्न हिस्सों में पथराव, मोलोटोव कॉकटेल फेंकने और गाड़ियों में आग लगाने की घटनाओं का ज़िक्र किया गया है और कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बर्नी सैंडर्स ने भी CNN से बातचीत में नेशनल गार्ड की तैनाती को "अमेरिका के अधिनायकवाद की ओर बढ़ने" का संकेत बताया और चेतावनी दी कि यह कदम लोकतंत्र के लिए ख़तरा है। उन्होंने कहा: हमारे पास एक ऐसा राष्ट्रपति है जिसे क़ानून के शासन में विश्वास नहीं है।
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़े अप्रवासी निष्कासन अभियान को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है और 1798 में पारित "विदेशी शत्रु अधिनियम" का हवाला देते हुए यहां तक कि कानूनी दस्तावेज़ों वाले प्रवासियों को भी निकालने के लिए व्यापक अधिकारों का उपयोग किया है।
इन नीतियों ने प्रदर्शनकारियों, विशेष रूप से मैक्सिकन मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच गहरा आक्रोश पैदा किया है, जिन्होंने मैक्सिको के झंडे को एकजुटता और अपनी जड़ों पर गर्व का प्रतीक बना लिया है। MM