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Monday, 7 July 2025

गुजरात में AAP विधायक चैतर वसावा की गिरफ्तारी: नागरिक आवाज दबाने का आरोप, गोपाल इटालिया को कोर्ट में प्रवेश से रोका, बार एसोसिएशन का विरोध

गुजरात में AAP विधायक चैतर वसावा की गिरफ्तारी: नागरिक आवाज दबाने का आरोप, गोपाल इटालिया को कोर्ट में प्रवेश से रोका, बार एसोसिएशन का विरोध
गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाडा से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और आदिवासी नेता चैतर वसावा को 5 जुलाई 2025 को पुलिस ने हिरासत में लिया। उन पर तालुका पंचायत के एक पदाधिकारी पर हमला करने और हत्या का प्रयास करने का आरोप है। यह घटना 'आपनो तालुको वाइब्रेंट तालुको' (ATVT) की बैठक के दौरान हुई, जहां वसावा ने अपने नामित व्यक्ति को समिति में शामिल न करने पर आपत्ति जताई थी। FIR के अनुसार, वसावा ने डेडियापाडा तालुका पंचायत अध्यक्ष संजय वसावा पर मोबाइल फोन से हमला किया और कांच के टुकड़े से धमकी दी। इसके अलावा, सागबारा तालुका की महिला अध्यक्ष के खिलाफ अपमानजनक भाषा का भी आरोप है। 


रविवार, 6 जुलाई 2025 को वसावा को राजपिपला की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने 5 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। वसावा की जमानत याचिका भी ठुकरा दी गई, और उन्हें वडोदरा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 


वकील गोपाल इटालिया को रोका, बार एसोसिएशन का विरोध

चैतर वसावा के वकील और AAP नेता गोपाल इटालिया को कोर्ट परिसर में प्रवेश करने से रोके जाने का आरोप है, जिसके खिलाफ गुजरात मे बार एसोसिएशन ने तीखा विरोध दर्ज किया। बार एसोसिएशन ने कोर्ट परिसर के गेट पर ताले लगाना इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया। AAP का आरोप है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है, क्योंकि वसावा ने हाल ही में MGNREGA घोटाले सहित BJP नेताओं के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। 


AAP का आरोप: सरकार दबा रही नागरिकों की आवाज

AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस गिरफ्तारी को BJP की हताशा का परिणाम बताया, जो हाल ही में विसावदर उपचुनाव में AAP से हार गई थी। केजरीवाल ने X पर लिखा, "BJP को लगता है कि ऐसी गिरफ्तारियों से AAP डर जाएगी, लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी भूल है। गुजरात की जनता BJP के कुशासन और दबाव की रणनीति से तंग आ चुकी है।" गुजरात AAP इकाई के प्रभारी गोपाल राय ने भी इसे "शर्मनाक" बताते हुए कहा कि BJP आदिवासी समाज की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। 


स्थानीय प्रतिक्रिया और तनाव।

वसावा की गिरफ्तारी के बाद डेडियापाडा में तनाव बढ़ गया। उनके समर्थकों ने कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डेडियापाडा में धारा 144 लागू की गई, जिसके तहत चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है। वसावा के समर्थकों का दावा है कि यह मामला उनकी लोकप्रियता और आदिवासी हितों की लड़ाई को कमजोर करने की साजिश है।