Breaking

यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Wednesday, 16 July 2025

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा: उमर अब्दुल्लाह ने कहा, 'अब और देरी नहीं, वादा पूरा हो'

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा: उमर अब्दुल्लाह ने कहा, 'अब और देरी नहीं, वादा पूरा हो'
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मुद्दे को संसद में उठाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया है। पत्रकारों से बातचीत में उमर अब्दुल्लाह ने कहा, "हम लंबे समय से उस दिन का इंतजार कर रहे थे, जब विपक्ष संसद में जम्मू-कश्मीर की आवाज को बुलंद करेगा। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाया।"


उन्होंने जोर देकर कहा, "हम कोई ऐसी मांग नहीं कर रहे, जिसका वादा हमसे न किया गया हो। संसद में, सुप्रीम कोर्ट में और सार्वजनिक मंचों पर बार-बार कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को उचित समय पर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। अब वह समय आ गया है। जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द इसका हक मिलना चाहिए।"


यह मांग तब उठी है, जब खड़गे और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के मॉनसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने का आग्रह किया है। उमर अब्दुल्लाह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है। 

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर केंद्र के साथ सहयोगात्मक रुख अपनाएगी, ताकि लोगों की उम्मीदों को पूरा किया जा सके। उमर ने पहले भी कई मौकों पर इस मांग को उठाया है और उनकी कैबिनेट ने पिछले साल अक्टूबर में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था, जिसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी मंजूरी दी थी।

2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया गया था। तब से पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली की मांग लगातार उठ रही है। उमर अब्दुल्लाह ने कहा, "यह न केवल हमारा हक है, बल्कि केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता भी है, जिसे अब पूरा किया जाना चाहिए।"