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Monday, 18 August 2025

जबलपुर में भाजपा नेता अतुल चौरसिया की सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी, पार्टी ने किया निष्कासित

जबलपुर में भाजपा नेता अतुल चौरसिया की सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी, पार्टी ने किया निष्कासित
जबलपुर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के जबलपुर में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया को एक सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह सनसनीखेज मामला जून 2025 में सामने आया, जब असम की एक 33 वर्षीय युवती ने नौकरी के झांसे में बंधक बनाए जाने और देह व्यापार में धकेले जाने की शिकायत दर्ज की। इस घटना ने स्थानीय और सोशल मीडिया पर तीव्र विवाद पैदा किया। भाजपा ने अतुल को तत्काल पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह कोपीराइट-मुक्त लेख मामले का संक्षिप्त और तथ्यपरक ब्योरा प्रस्तुत करता है। 

 घटना का खुलासा असम की एक युवती ने गढ़ा थाना पुलिस में शिकायत दर्ज की कि उसे नौकरी का लालच देकर जबलपुर लाया गया और अतिथि होटल में बंधक बनाकर देह व्यापार के लिए मजबूर किया गया। उसने अतुल चौरसिया और उनके साथी शीतल उर्फ मथुरा दुबे पर यौन शोषण और धमकियों का आरोप लगाया। पीड़िता ने बताया कि उसे होटल में कैद रखा गया, और ग्राहकों से 2,000-5,000 रुपये वसूले जाते थे, लेकिन उसे कोई पैसा नहीं मिला। चार महीने पहले वह भाग निकली और बाद में हिम्मत जुटाकर शिकायत दर्ज की।  

पुलिस की कार्रवाई पुलिस ने शिकायत के आधार पर अतिथि होटल पर छापा मारा और अतुल चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया। भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। शीतल उर्फ मथुरा दुबे फरार है, और उसकी तलाश में छापेमारी जारी है। जाँच में पता चला कि रैकेट में अन्य राज्यों से युवतियों को लाया जाता था। 

 भाजपा का रुख भाजपा ने मामले के तूल पकड़ते ही अतुल चौरसिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया। जबलपुर महानगर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चौरसिया की गतिविधियाँ पार्टी की छवि को धूमिल करती हैं।  

सामाजिक और राजनैतिक प्रभाव इस घटना ने मध्य प्रदेश में भाजपा की छवि पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने इसे नैतिक पतन का उदाहरण बताया। विपक्ष ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता के रूप में पेश किया। यह मामला महिला सुरक्षा और मानव तस्करी के मुद्दों को भी उजागर करता है।


जबलपुर में अतुल चौरसिया का सेक्स रैकेट मामला राजनैतिक और सामाजिक स्तर पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पीड़िता की हिम्मत और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस अपराध को उजागर किया, लेकिन रैकेट के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश अभी बाकी है। यह घटना नेताओं की जवाबदेही और महिला सुरक्षा पर बहस को तेज करती है।