राजस्थान के जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ तहसील के डांगरी गांव में 2 सितंबर की रात एक किसान खेत सिंह की हत्या के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। परिजनों का आरोप है कि खेत सिंह ने कुछ लोगों को हिरण का शिकार करने से रोका था, जिसके बाद हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी। इस घटना के विरोध में परिजनों और सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठे हैं, जबकि बीती रात गुस्साए ग्रामीणों ने कई दुकानों में आगजनी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गांव और आसपास के इलाकों में 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक शिवहरी ने बताया, "मृतक खेत सिंह का शव पोस्टमॉर्टम के बाद बाड़मेर अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। इस मामले में तीन अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है और जांच जारी है।" फतेहगढ़ के डिप्टी एसपी रूप सिंह ने कहा, "परिजनों का दावा है कि हत्या शिकार रोकने के कारण हुई, लेकिन जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। धरना दे रहे ग्रामीणों ने अभी तक अपनी मांगें स्पष्ट नहीं की हैं। हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं।" पुलिस के अनुसार, बीती रात कुछ दुकानों में आगजनी की घटना हुई, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। मृतक खेत सिंह (50) के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बाड़मेर अस्पताल भेजा गया है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे 'जंगलराज' करार देते हुए कहा, "जैसलमेर में एक व्यक्ति की हत्या केवल इसलिए हो गई क्योंकि उसने शिकार करने से रोका था। यह दर्शाता है कि आम आदमी कितना असुरक्षित है और गुंडाराज हावी हो चुका है।" वहीं, जोधपुर से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस घटना की निंदा की और कहा, "ऐसी घटनाओं का लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है। प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।" प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और मामले की गहन जांच की जा रही है।
जैसलमेर में किसान की हत्या के बाद तनाव, 400 पुलिसकर्मी तैनात,