लद्दाख की राजधानी लेह में अलग राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जेन-जेड छात्रों का आंदोलन मंगलवार को हिंसक हो उठा। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के स्थानीय कार्यालय में आग लगा दी और एक सुरक्षा वाहन को जला दिया। इस बीच, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने शांति बनाए रखने के लिए अपनी 15 दिनों की भूख हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) के युवा विंग के 35 सदस्य 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे। मंगलवार को दो प्रदर्शनकारियों की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जिससे युवाओं में गुस्सा भड़क गया। LAB लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण की मांग कर रहा है। ये मांगें 2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से उठ रही हैं। प्रदर्शनकारी दोपहर में सड़कों पर उतरे और बीजेपी कार्यालय के बाहर जमा हो गए। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया, लेकिन भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद बीजेपी कार्यालय और एक CRPF वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए।
सोनम वांगचुक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा, "लेह की घटना दुखद है। शांति का मेरा संदेश आज विफल रहा। मैं युवाओं से हिंसा रोकने की अपील करता हूं।" उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया। स्थानीय लोग रोजगार, भाषा मान्यता और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं। LAB के सह-अध्यक्ष चेरिंग डोरजे ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन केंद्र की अनदेखी से लोग आक्रोशित हैं। केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को LAB और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस के साथ बातचीत की घोषणा की है। लद्दाख की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए यह घटना संवेदनशील है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिंसा आंदोलन को कमजोर कर सकती है, लेकिन युवाओं का गुस्सा उनकी मांगों को और बल दे रहा है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है।