कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर इजरायल के हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराजगी जाहिर की है। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "मैं बहुत खुश नहीं हूं। यह अच्छी स्थिति नहीं है, लेकिन हमारा लक्ष्य बंधकों को छुड़ाना है।" उन्होंने हमले के तौर-तरीके पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, "जिस तरह यह सब हुआ, उससे हम बहुत खुश नहीं हैं।" मध्य पूर्व की जटिल स्थिति पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने कहा, "मुझे वहां कुछ भी हैरान नहीं करता।" उन्होंने गुरुवार को इस मुद्दे पर विस्तृत बयान देने की बात कही। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताया कि अमेरिकी सेना को हमले की पूर्व जानकारी थी। लेविट ने कहा कि हमले के बाद ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से फोन पर चर्चा की, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ मौजूद थे। लेविट ने स्पष्ट किया कि यह हमला न अमेरिका के हित में है और न ही इजरायल के, हालांकि हमास को कमजोर करना एक वैध लक्ष्य है। कतर ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘कायरतापूर्ण’ करार दिया। हमास ने दावा किया कि उसके नेता सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ नागरिक हताहत हुए।
कतर में अमेरिका के CENTCOM सैन्य अड्डे की मौजूदगी इस घटना को कूटनीतिक रूप से संवेदनशील बनाती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने हमास की एक बैठक को निशाना बनाया, जो गाजा में युद्धविराम और बंधक रिहाई पर चर्चा कर रही थी। इस हमले ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है। ट्रंप प्रशासन ने कतर को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने का आश्वासन दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य पूर्व में शांति तब तक मुश्किल है, जब तक इजरायल और हमास के बीच तनाव कम नहीं होता। यह घटना अमेरिका-इजरायल संबंधों और कतर जैसे सहयोगी देशों के साथ कूटनीति पर सवाल उठा रही है।