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Tuesday, 16 September 2025

क़तर एयरवेज़ का ऐतिहासिक कदम: उड़ान मानचित्र से इज़राइल हटाया, फ़िलिस्तीनी क्षेत्र को दी पहचान

क़तर एयरवेज़ का ऐतिहासिक कदम: उड़ान मानचित्र से इज़राइल हटाया, फ़िलिस्तीनी क्षेत्र को दी पहचान
दोहा: क़तर एयरवेज़ ने अपने इंटरैक्टिव उड़ान मानचित्र से "इज़राइल" का नाम हटाकर उसकी जगह "फ़िलिस्तीनी क्षेत्र" अंकित करने का साहसिक निर्णय लिया है। यह कदम क्षेत्रीय तनावों और क़तर की फ़िलिस्तीनी समर्थन नीति के संदर्भ में लिया गया है। हाल के इज़राइली हवाई हमलों और फ़िलिस्तीनी जनता के प्रति क़तर की प्रतिबद्धता के बाद यह बदलाव और भी महत्वपूर्ण हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम क़तर की उस नीति को दर्शाता है, जो फ़िलिस्तीनी अधिकारों के समर्थन और इस्लामी दुनिया में एकजुटता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। क़तर ने हमास और फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाई है और उसने कभी भी इज़राइल को मान्यता नहीं दी। यह बदलाव न केवल तकनीकी, बल्कि प्रतीकात्मक भी है, जो वैश्विक मंच पर फ़िलिस्तीनी मुद्दे को उजागर करता है। 

क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में प्रवास में भारी कमी: 

इस्राइली मंत्रालय का खुलासा तेल अवीव: इस्राइली प्रवासन मंत्रालय ने हाल ही में बताया कि क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में प्रवासियों की संख्या में 2024 में 34% की कमी दर्ज की गई। इस वर्ष केवल 21,444 लोग आए, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 32,140 था। यह कमी युद्ध, आर्थिक अस्थिरता और बढ़ती सुरक्षा चिंताओं का परिणाम है। विश्लेषकों का कहना है कि अक्टूबर 2023 के बाद क्षेत्र में बढ़ते तनाव ने प्रवासन को प्रभावित किया है। कई देशों से यहूदी प्रवासियों की संख्या घटी है, जबकि इस्राइल से बाहर जाने वालों की संख्या बढ़ी है। यह स्थिति इस्राइली बस्तियों के विस्तार में रुकावट का संकेत देती है, जिससे फ़िलिस्तीनी समुदाय में आशा की किरण जगी है। 
 हिज़्बुल्लाह: प्रतिरोध के हथियारों पर कोई समझौता नहीं बेरूत:

 हिज़्बुल्लाह के उप-महासचिव के राजनीतिक सहायक हसन खलील ने स्पष्ट किया कि संगठन के हथियार "लाल रेखा" हैं और इन पर किसी भी प्रकार का दबाव बाहरी तानाशाही है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों का 99% उद्देश्य प्रतिरोध को कमजोर करना है। खलील ने लेबनान की जनता की आजीविका, पुनर्निर्माण और सेना के बजट पर बाहरी ब्लैकमेल की भी आलोचना की। हिज़्बुल्लाह का यह बयान इज़राइली हमलों और क्षेत्रीय तनावों के बीच आया है। संगठन का कहना है कि ये हथियार लेबनान की संप्रभुता और प्रतिरोध की रक्षा के लिए आवश्यक हैं। यह बयान लेबनान की जटिल राजनीतिक स्थिति और हिज़्बुल्लाह की क्षेत्रीय भूमिका को रेखांकित करता है।