लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में ड्रोन उड़ानों को लेकर फैली अफवाहों ने ग्रामीण इलाकों में दहशत मचा रखी है। सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बस्ती और प्रयागराज जैसे जिलों में लोगों का मानना है कि संदिग्ध ड्रोन चोरी की रेकी कर रहे हैं। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए जानकारी साझा की है। पोस्ट में कहा गया है कि "सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बस्ती और प्रयागराज आदि जनपदों में ड्रोन के जरिए रेकी व चोरी की अफवाह फैल रही है।" सीएम ने स्पष्ट आदेश दिए कि अफवाह फैलाने वालों की तत्काल गिरफ्तारी हो और पुलिस लगातार गश्त बढ़ाए। साथ ही, चौकीदारों की सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए गए ताकि गलत सूचनाओं से जनता में आतंक न फैले। योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं की कड़ी निगरानी करने का भी कहना है। उन्होंने जातीय संघर्ष भड़काने की कोशिशों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। शासन के स्पष्ट आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
क्या है पूरा मामला? पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद अब पूर्वी जिलों में भी ड्रोन की कथित उड़ानों ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय आसमान में दिखने वाले ये ड्रोन उनके इलाकों का जायजा ले रहे हैं, जिसके बाद चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। हालांकि, पुलिस ने कई मामलों में इन दावों को अफवाह करार दिया है और जांच में पाया गया है कि ज्यादातर साइटिंग्स खिलौना हेलीकॉप्टर या हवाई जहाज की लाइट्स साबित हुई हैं। पिछले महीने ही सीएम योगी ने बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। गंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की चेतावनी जारी की गई है।
पश्चिमी जिलों में 300 से ज्यादा गांवों में रात भर गश्त और निजी गार्ड की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन पूर्वी जिलों में अब यह समस्या तेजी से फैल रही है। पुलिस महकमे ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जिलाधिकारियों को ड्रोन रजिस्टर बनाए रखने और अनधिकृत रात्रिकालीन उड़ानों पर रोक लगाने के निर्देश हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी वीडियो इस दहशत को और बढ़ा रहे हैं। सरकार का कहना है कि कानून-व्यवस्था मजबूत रखने के लिए सभी विभाग सतर्क रहें। ग्रामीणों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, न कि अफवाहें फैलाएं। इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई के लिए जोनल स्तर पर समीक्षा होगी। यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश में डिजिटल तकनीक के दुरुपयोग को रोकने की चुनौतियों को उजागर करता है, जहां अफवाहें सामाजिक सद्भाव को खतरे में डाल सकती हैं।