एक ज़ायोनी अख़बार ने स्वीकार किया कि यमनियों का मज़ाक उड़ाना और युद्ध से पहले उन्हें रूढ़िबद्ध तथा अपमानजनक दृष्टि से देखना एक बड़ी ग़लती थी।
पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी अख़बार एदीऊत अहारोनोत ने अपने नवीनतम अंक में लिखा: इज़राइल यमन पर हमलों में अब तक अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाया है और जितनी अधिक यमन की नाकाबंदी कड़ी होती है उतना ही इस देश का स्वतंत्र और मज़बूत घरेलू उत्पादन सशक्त होता है।
यह खुलासा यमनियों के उन्नत मिसाइल हमले के कुछ घंटे बाद सामने आया जो फ़िलिस्तीन के कब्ज़े वाले क्षेत्रों पर किया गया था।
यमन की सशस्त्र सेनाओं के प्रवक्ता यहीया सरीअ ने गुरुवार की रात एक बयान में कहा कि इस अभियान ने कब्ज़े वाले याफ़ा अर्थात तेल अवीव क्षेत्र में कई संवेदनशील लक्ष्यों को निशाना बनाया। सरीअ ने ज़ोर देकर कहा कि यह अभियान सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया और इसके परिणामस्वरूप लाखों ज़ायोनी शरणस्थलों की ओर भागे तथा बेन गुरियन हवाई अड्डे पर गतिविधियाँ रोक दी गईं।
यमन की सशस्त्र सेनाओं के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इस शासन के यमन पर हमलों को विफल कर दिया गया है।
इसी संबंध में के आंतरिक मोर्चे ने घोषणा की कि यरूशलम, तेल अवीव और इस शासन के केंद्र में मिसाइल चेतावनी सायरन गूंज उठे।
ज़ायोनी शासन के सैन्य रेडियो ने भी यमन के मिसाइल हमले की पुष्टि करते हुए घोषणा की है कि यमनियों की ओर से एक बैलिस्टिक मिसाइल कब्ज़े वाले क्षेत्रों की ओर दागी गई है।
एदीऊत अहारोनोत ने भी इस बारे में लिखा कि यमन के मिसाइल हमले के परिणामस्वरूप हज़ारों इज़रायली पनाहगाहों में चले गए। mm