गांधीनगर: गुजरात मैरिटाइम बोर्ड (जीएमबी) से संवेदनशील दस्तावेज चोरी के मामले में गांधीनगर पुलिस ने बोर्ड के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। यह मामला जेल में बंद पत्रकार महेश लांगा से जुड़ा है, जिन्हें जीएसटी घोटाले में पहले गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, लांगा ने बोर्ड के कर्मचारियों के साथ मिलकर टेंडर और पोर्ट की गोपनीय जानकारी लीक की थी।
मामले का विवरण अक्टूबर 2024 में गांधीनगर में दर्ज एक मामले में गुजरात मैरिटाइम बोर्ड से टेंडर और पोर्ट संबंधी संवेदनशील जानकारी लीक होने का खुलासा हुआ था। राष्ट्रीय अखबार 'द हिंदू' के पत्रकार महेश लांगा सहित चार लोगों को जीएसटी घोटाले में 200 फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये के फ्रॉड के आरोप में अक्टूबर 2024 में गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान मैरिटाइम बोर्ड से संवेदनशील दस्तावेज लीक होने का मामला भी सामने आया। पुलिस ने लांगा के खिलाफ जीएमबी कार्यालय से दस्तावेज चुराने का केस दर्ज किया। बुधवार रात को इस मामले में बोर्ड के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच में पता चला कि लांगा ने बोर्ड के कर्मचारी के साथ सांठगांठ कर व्यक्तिगत लाभ के लिए दस्तावेज हासिल किए थे। गांधीनगर सेक्टर-7 पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2), 306, 316(5), 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7(ए), 8(1), 12, 13(1), 12(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच गांधीनगर के एसडीपीओ डी.टी. गोहिल के नेतृत्व में चल रही है।
कर्मचारी की गिरफ्तारी पिछले साल पुलिस को मैरिटाइम बोर्ड से दस्तावेज लीक होने के सबूत मिले थे। इसके बाद गांधीनगर जिला पुलिस की कई टीमों ने बोर्ड के कार्यालय में छापेमारी की। जांच में जीएमबी के कर्मचारी निषिध अरुणभाई जानी (निवासी: अहमदाबाद) की संलिप्तता सामने आई। जानी पिछले छह महीनों से फेफड़ों की बीमारी के कारण इलाज करा रहे थे और हाल ही में उन्होंने नौकरी फिर शुरू की थी। जांच अधिकारी डीवाईएसपी दिव्यप्रकाश गोहिल को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर जानी को बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया।
रिमांड और आगे की जांच निषिध जानी को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या इस मामले में अन्य कर्मचारियों की भी संलिप्तता है और जानी ने लांगा से क्या लाभ लिया। सबूत और जानकारी जुटाने के लिए पुलिस ने अदालत में रिमांड की मांग की है। जानी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जल्द ही महेश लांगा को ट्रांजिट वारंट के जरिए हिरासत में लेगी। पुलिस का कहना है कि लांगा द्वारा हासिल किए गए दस्तावेज पत्रकारिता के लिए नहीं, बल्कि संभवतः कॉर्पोरेट जासूसी के लिए इस्तेमाल किए गए थे। इस मामले ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए हैं, लेकिन जांच अभी जारी है।