इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) में चूहों के काटने से दो नवजात बच्चों की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। एक नवजात बच्ची को अस्पताल प्रशासन ने लावारिस बताया था, लेकिन अब बच्ची के परिजन सामने आए हैं और गंभीर आरोप लगाए हैं। धार जिले के रूपापाड़ा गांव की 25 वर्षीय मंजू कटारा ने बताया कि उनकी नवजात बच्ची को धार जिला अस्पताल से 31 अगस्त को अपूर्ण गुदा की समस्या के लिए एमवायएच रेफर किया गया था।
मंजू और उनके पति देवाराम का आरोप है कि वे दो दिन तक अस्पताल के बाहर भूखे-प्यासे बैठे रहे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया। बाद में बच्ची की मौत की सूचना तक नहीं दी गई और उसे लावारिस घोषित कर दिया गया। मंजू ने कहा, “मेरी बच्ची को चूहों ने काटा, लेकिन अस्पताल ने न तो इसकी जानकारी दी और न ही उसकी मौत की सूचना।” अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने 2 सितंबर को दावा किया था कि बच्ची को उसके परिजन अस्पताल के बाहर छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद उसे एनआईसीयू में भर्ती किया गया था। हालांकि, सामने आए दस्तावेज़ बताते हैं कि बच्ची को धार जिला अस्पताल से रेफर किया गया था। यह दूसरा मामला है जब एमवायएच अस्पताल में चूहों के काटने से नवजात की मौत हुई है। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।