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Wednesday, 17 September 2025

इस्लामी देशों का एकजुट होना, ज़ायोनी शासन के अपराधों का मुक़ाबला करने का एक प्रभावी रास्ता है

इस्लामी देशों का एकजुट होना, ज़ायोनी शासन के अपराधों का मुक़ाबला करने का एक प्रभावी रास्ता है
मिस्र और ईरान के राष्ट्रपतियों की मुलाक़ात

पार्स टुडे – इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अल-सीसी से मुलाक़ात में ज़ोर देकर कहा: इस्लामी देशों के बीच एकता और सामंजस्य को मज़बूत करना, ज़ायोनी शासन के अपराधों की पुनरावृत्ति और निरंतरता का मुक़ाबला करने का सबसे प्रभावी मार्ग है।

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पिज़िश्कियान ने सोमवार 24 शहरीवर 15 सितंबर को क़तर के दोहा में इस्लामी देशों और अरब लीग के नेताओं की आपातकालीन बैठक के दौरान मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अल-सीसी से मुलाक़ात की और दोनों देशों के बीच सहयोग को और मज़बूत करने की अहमियत पर बल दिया ताकि दोनों राष्ट्रों और क्षेत्र की अन्य क़ौमों के हितों की बेहतर रूप से रक्षा की जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल फ़त्ताह अल-सीसी ने भी इस मुलाक़ात में इस्लामी देशों के और अधिक नज़दीक आने और ज़ायोनी शासन के अपराधों के बढ़ने, जारी रहने और दोहराए जाने के मुक़ाबले में एक साझा और ठोस रुख़ अपनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

ईरान के राष्ट्रपति ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाक़ात में भी कहा: मौजूदा हालात में बड़े इस्लामी देशों, जिनमें सऊदी अरब भी शामिल है, की ज़िम्मेदारी बहुत भारी है। अगर इस्लामी देश एकजुट हों तो ज़ायोनी शासन किसी भी मुस्लिम देश पर हमले और अतिक्रमण की हिम्मत नहीं करेगा।