नेपाल में हालिया राजनीतिक संकट और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच पशुपतिनाथ मंदिर पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाओं ने देश भर में तनाव बढ़ा दिया है। काठमांडू स्थित यह प्रसिद्ध हिंदू मंदिर, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, हाल के दिनों में हिंसा का शिकार बना है। सोमवार को उपद्रवियों ने मंदिर परिसर में तोड़फोड़ की, जबकि गुरुवार को पशुपतिनाथ दर्शन के बाद लौट रहे भारतीय श्रद्धालुओं की बस पर हमला हुआ। इन घटनाओं से नेपाल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। पशुपतिनाथ मंदिर, बागमती नदी के किनारे स्थित, भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सोमदेव राजवंश के दौरान हुआ था, हालांकि उपलब्ध दस्तावेज 13वीं शताब्दी के हैं। मंदिर का चार मुख वाला शिवलिंग विशेष रूप से प्रसिद्ध है। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद गृह मंत्री रमेश लेखक समेत तीन मंत्रियों ने भी पद छोड़ दिया। प्रदर्शनों के दौरान उपद्रवियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास, संसद भवन और पशुपतिनाथ मंदिर पर हमला किया। सोशल मीडिया पर बैन हटाने के बावजूद हिंसा जारी रही, जिसमें अब तक 22 लोगों की मौत और 500 से अधिक घायल होने की खबरें हैं। सोमवार की घटना में उपद्रवियों ने मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की, जिसके बाद नेपाल सरकार ने सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को सौंप दी। हालात बिगड़ने पर नेपाली सेना ने स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए। वायरल वीडियो में मंदिर के दरवाजे तोड़ने की कोशिश दिखाई गई, लेकिन फैक्ट चेक से पता चला कि यह जुलाई 2025 का पुराना वीडियो है, जो पहाचरे त्योहार के दौरान एक परंपरा को दर्शाता है, न कि हालिया प्रदर्शनों से जुड़ा। गुरुवार को आंध्र प्रदेश के श्रद्धालुओं से भरी एक बस पर सोनौली बॉर्डर के पास असामाजिक तत्वों ने हमला किया। पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन कर काठमांडू से लौट रही इस यूपी रजिस्ट्रेशन वाली बस पर पत्थरबाजी हुई, जिससे खिड़कियां टूट गईं और कई यात्री घायल हो गए। नेपाली सेना ने यात्रियों की मदद की और भारतीय दूतावास को सूचित किया। सभी घायलों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेज दिया गया। इसके अलावा, नेपाल की जेलों से फरार 60 संदिग्ध कैदियों को भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पर पकड़ा। ये घटनाएं नेपाल में Gen Z आंदोलन, राजतंत्र समर्थक प्रदर्शनों और आर्थिक संकट से उपजी अस्थिरता को दर्शाती हैं। 2008 में राजतंत्र समाप्त होने के बाद से देश राजनीतिक उथल-पुथल का शिकार रहा है। राष्ट्रपति भवन में सुदान गुरुंग जैसे नेताओं के साथ अंतरिम सरकार गठन पर चर्चा चल रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन घटनाओं ने चिंता बढ़ाई है, खासकर भारतीय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर। नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता: पशुपतिनाथ मंदिर पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं