वृंदावन, 18 अक्टूबर 2025: भगवान बांके बिहारी के प्रसिद्ध मंदिर के तहखाने के द्वार आज 54 साल बाद खुल गए। 1971 के बाद पहली बार यह रहस्यमयी हिस्सा सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमिटी के निर्देश पर खोला गया। पूर्व हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता वाली इस कमिटी ने मंदिर प्रबंधन के साथ मिलकर यह ऐतिहासिक कदम उठाया। कमिटी में शामिल चार प्रमुख सेवायत गोस्वामी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। तहखाने को खोलने की प्रक्रिया में सख्त सुरक्षा व्यवस्था रही, जिसके चलते मीडिया प्रतिनिधियों को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। सूत्रों के अनुसार, इस तहखाने में प्राचीन कलाकृतियां, धार्मिक ग्रंथ और करोड़ों रुपये मूल्य का संभावित खजाना छिपा हो सकता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1971 में आखिरी बार खोले गए इस तहखाने को तब से सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बनी हाई पावर कमिटी ने मंदिर की संपत्ति का सत्यापन करने के लिए इसे खोलने का फैसला लिया। कमिटी का उद्देश्य मंदिर की संपदा का पारदर्शी मूल्यांकन और संरक्षण सुनिश्चित करना है।
क्या मिला तहखाने में? प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तहखाने में सोने-चांदी के आभूषण, प्राचीन मूर्तियां और दुर्लभ पांडुलिपियां हो सकती हैं। हालांकि, आधिकारिक बयान का इंतजार है। गोस्वामी परिवार के सदस्यों ने इसे 'भगवान की कृपा' बताते हुए कहा कि यह खोज भक्तों के लिए आशीर्वाद साबित होगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: मथुरा जिला प्रशासन ने पुष्टि की कि तहखाने का निरीक्षण पूरा हो चुका है और रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी। सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है। यह घटना न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि मंदिरों की प्राचीन संपदा संरक्षण के लिए एक मिसाल कायम करेगी। भक्तों में उत्साह का संचार हो गया है, और सोशल मीडिया पर #BankeBihariTahkhana ट्रेंड कर रहा है।