: एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सीईओ समिट में दक्षिण कोरिया पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे, लेकिन एक बार फिर 'ऑपरेशन⁰⁰000 सिंदूर' का जिक्र कर विवाद खड़ा कर दिया। ट्रंप ने मोदी को "सबसे आकर्षक व्यक्ति", "पिता जैसा" और "तेजज्वल शख्स" कहा, साथ ही "किलर" और "बहुत मजबूत" बताकर सम्मान जताया। लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्होंने व्यापारिक दबाव डालकर भारत-पाकिस्तान युद्ध रोका था। सवाल उठता है – ट्रंप आखिर चाहते क्या हैं? तारीफ से रिश्ते मजबूत करना या बार-बार पुराने घाव कुरेदकर भारत को 'मध्यस्थता' की जरूरत वाला देश दिखाना? ट्रंप ने ग्यॉंगजू में APEC CEOs लंचन को संबोधित करते हुए कहा, "मोदी के प्रति मेरे अंदर काफी सम्मान और प्यार है। वो गजब के व्यक्ति हैं – सबसे अच्छे दिखने वाले, पिता जैसे, लेकिन किलर और हेल ऑफ टफ।" उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार सौदे का भी जिक्र किया: "मैं भारत के साथ ट्रेड डील कर रहा हूं।" लेकिन तारीफ के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' का पुराना राग अलापा। ट्रंप ने कहा, "मैंने मोदी को फोन किया और कहा – अगर लड़ाई जारी रही तो व्यापार सौदा नहीं। उन्होंने रोक दिया। सात ब्रांड न्यू प्लेन गिराए गए थे। दो न्यूक्लियर पावर लड़ रही थीं।" उन्होंने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की भी तारीफ की: "शरीफ अच्छे व्यक्ति हैं, मुनीर जबरदस्त फाइटर।" 'ऑपरेशन सिंदूर' का संदर्भ 2025 के मई का है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। जवाब में 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और PoJK में नौ आतंकी कैंपों पर सटीक हमले किए। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के पांच लड़ाकू विमान गिराए, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया। 10 मई को संघर्षविराम हुआ, जो भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौता था। भारत ने हमेशा कहा कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। ट्रंप का यह दावा अब 56वीं बार आया है, जो दक्षिण कोरिया से पहले जापान में भी दोहराया गया। ट्रंप की दोहरी रणनीति साफ है – तारीफ से भारत-अमेरिका रिश्ते मजबूत रखना, लेकिन 'मध्यस्थ' बनकर क्रेडिट लेना। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का हिस्सा है, जहां वे खुद को वैश्विक शांति रक्षक दिखाते हैं। साथ ही, व्यापार सौदे की बात कर आर्थिक दबाव बनाना। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसा: "ट्रंप 56वीं बार सिंदूर पर बोल रहे हैं, लेकिन 56-इंच का सीना चुप है।" भारत ने ट्रंप के दावों को 'गलतफहमी' बताया, लेकिन जवाबी बयान से परहेज किया। ट्रंप का एशिया दौरा (मलेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया) व्यापार समझौतों पर केंद्रित है। भारत के साथ डील से दोनों देशों को फायदा, लेकिन सिंदूर जैसे मुद्दे रिश्तों में खटास ला सकते हैं। क्या ट्रंप वाकई शांति चाहते हैं या सिर्फ अपनी इमेज? भारत को सतर्क रहना होगा – तारीफ सुनें, लेकिन दबाव न झेलें। 
 संपादक: @NayaniSajjadali