बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन के बीच सियासी घमासान चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) विकास और सांस्कृतिक गौरव के मुद्दों को लेकर जनता को रिझाने में जुटे हैं, लेकिन विपक्ष का दावा है कि बिहार की जनता अब पुराने जुमलों और सांप्रदायिक एजेंडे में फंसने वाली नहीं। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नालंदा में एक रैली के दौरान ऐतिहासिक बख्तियार खिलजी का जिक्र कर नया सियासी दांव खेला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय की खोई शान को फिर से स्थापित किया है, और अब "100 बख्तियार खिलजी भी आएं तो एनडीए शासन में नालंदा को कोई छू नहीं सकता।" शाह ने नालंदा के बिहारशरीफ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "1200 ईस्वी में बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था। उसकी लाइब्रेरी छह महीने तक जलती रही। लेकिन मोदी जी ने इसे पुनर्जनन कर बिहार की गौरवशाली विरासत को नया जीवन दिया।" यह बयान भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को विकास के साथ जोड़कर विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी कि अगर महागठबंधन सत्ता में आया तो बिहार में "जंगल राज" लौट आएगा, और अपहरण-वसूली का दौर फिर शुरू होगा। उन्होंने घुसपैठ के मुद्दे पर भी विपक्ष को घेरा, दावा किया कि एनडीए हर घुसपैठिए को पहचानकर वोटर लिस्ट से हटाएगी और उन्हें देश से बाहर करेगी। "राहुल बाबा कितनी भी रैलियां कर लें, घुसपैठियों को नहीं बचा पाएंगे," शाह ने तंज कसा। विपक्ष ने शाह के बयान को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को "अपहरण" कर लिया है, और दिल्ली से गुजरात के दो नेता—मोदी और शाह—बिहार की सत्ता चला रहे हैं। तेजस्वी ने दावा किया कि अगर एनडीए जीता तो भी नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया जाएगा। जन सुराज के प्रशांत किशोर ने भी तेजस्वी के सीएम फेस बनने को "निरर्थक" बताते हुए कहा कि जनता का मूड रोजगार, शिक्षा और विकास पर केंद्रित है, न कि पुराने सियासी नारों पर। बिहार में एनडीए ने भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच 101-101 सीटों का बराबर बंटवारा किया है। मतदान दो चरणों में होगा—6 नवंबर को पहला चरण और 11 नवंबर को दूसरा चरण, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित होंगे। पीएम मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय में रैलियां कर एनडीए की "ऐतिहासिक जीत" का दावा किया है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि बिहार की जनता अब सांस्कृतिक और सांप्रदायिक मुद्दों के बजाय ठोस मुद्दों—रोजगार, शिक्षा और विकास—पर ध्यान दे रही है। क्या शाह का 'बख्तियार खिलजी' तंज और सांस्कृतिक गौरव का दांव एनडीए को बिहार में जीत दिला पाएगा, या महागठबंधन जनता के असंतोष को भुनाकर सत्ता की बाजी पलट देगा? बिहार की जनता का फैसला 14 नवंबर को सामने आएगा, और यह सियासी "खेला" अब अपने चरम की ओर बढ़ रहा है।
बिहार चुनाव: भाजपाई जोर-आजमाइश में, पर जनता अब जुमलों में फंसने को तैयार नहीं; क्या 'बख्तियार खिलजी' तंज से बदलेगा खेल?