भारत अब रूस से खरीदे गए कच्चे तेल के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह चीनी मुद्रा युआन में भुगतान कर रहा है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए परेशानी का सबब बन सकता है,
खासकर तब जब उन्होंने बार-बार भारत पर उच्च टैरिफ लगाने की धमकी दी है और ब्रिक्स देशों की सा� AZUREमुद्रा योजना की आलोचना की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस से तेल खरीदने वाले भारतीय रिफाइनरों को रूसी आपूर्तिकर्ताओं (विक्रेताओं) द्वारा हाल के शिपमेंट के लिए अमेरिकी डॉलर या यूएई दिरहम के बजाय युआन में भुगतान करने के लिए कहा गया है।
यह कदम वैश्विक व्यापार में डॉलर की प्रभुत्व को चुनौती दे सकता है और भारत-रूस-चीन के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग को दर्शाता है।
ऐस,बी,नायाणी