वाशिंगटन/बीजिंग, 1 नवंबर 2025 (समाचार एक्सप्रेस)– दक्षिण चीन सागर के विवादित जलक्षेत्र में अमेरिकी नौसेना को बड़ा झटका लगा है। यूएसएस निमित्ज़ विमानवाहक से उड़े एक F/A-18F सुपर हॉर्नेट फाइटर जेट और एक एमएच-60आर सी हॉक हेलीकॉप्टर मात्र 30 मिनट के अंतराल पर दुर्घटनाग्रस्त हो गए। पांचों चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं, लेकिन इन घटनाओं ने अमेरिका-चीन संबंधों में नई आशंकाएं पैदा कर दी हैं। क्या यह महज 'रूटीन ऑपरेशन' के दौरान की तकनीकी खराबी है, या चीन की गुप्त सैन्य कार्रवाई का नतीजा? विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्रीय तनाव का नया अध्याय हो सकता है। दुर्घटनाएं 26 अक्टूबर 2025 को दोपहर लगभग 2:45 बजे स्थानीय समय पर हुईं। यूएस पैसिफिक फ्लीट के अनुसार, पहले 'बैटल कैट्स' स्क्वाड्रन का एमएच-60आर सी हॉक हेलीकॉप्टर रूटीन उड़ान के दौरान समुद्र में गिर गया। इसके चालक दल के तीन सदस्यों को तुरंत सर्च एंड रेस्क्यू टीमों ने बचा लिया। महज आधे घंटे बाद, 3:15 बजे, 'फाइटिंग रेडकॉक्स' स्क्वाड्रन का F/A-18F सुपर हॉर्नेट भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दो-सीटर जेट के दोनों पायलटों ने आपातकालीन इजेक्ट किया और उन्हें भी सुरक्षित उठा लिया गया। अमेरिकी नौसेना ने दोनों घटनाओं को 'अलग-अलग' बताते हुए जांच शुरू कर दी है। एक प्रवक्ता ने कहा, "सभी कार्मिक स्थिर स्थिति में हैं। कारणों की जांच जारी है।" लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि इतने कम समय में दो महंगे विमान (F/A-18F की कीमत लगभग 60 मिलियन डॉलर) क्यों गिरे? दक्षिण चीन सागर, जहां चीन 90% क्षेत्र पर दावा करता है, पहले से ही अमेरिकी 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन' अभियानों का केंद्र है।
क्या है संदेह का आधार? - चीन का बयान: चीनी विदेश मंत्रालय ने इन दुर्घटनाओं को 'अमेरिकी सैन्य अभ्यास' से जोड़ा है, लेकिन विवरण नहीं दिए। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि चीन ने 'अज्ञात एयर डिफेंस सिस्टम' से दोनों विमानों को निशाना बनाया। हालांकि, कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। - **क्षेत्रीय तनाव**: पिछले हफ्ते ही ऑस्ट्रेलियाई एयर फोर्स के विमान के पास चीनी जेट ने 'असुरक्षित उड़ान' भरी थी। अमेरिका ने चीन पर 'खतरनाक मैन्यूवर' का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एशिया यात्रा के दौरान ये घटनाएं हुईं, जहां वे शी जिनपिंग से व्यापार वार्ता करने वाले थे। - 
पिछली घटनाएं: 2025 में ही अमेरिकी नौसेना ने रेड सी में दो F/A-18 खोए थे – एक 'फ्रेंडली फायर' से और दूसरा डेक से फिसलकर। दक्षिण चीन सागर में यह चौथा सुपर हॉर्नेट नुकसान है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये दुर्घटनाएं ईंधन की खराबी या मौसम से जुड़ी हो सकती हैं, लेकिन भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि में साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। रक्षा विश्लेषक डॉ. रिचर्ड फिशर कहते हैं, "चीन की मिसाइल क्षमताएं मजबूत हैं। अगर यह हमला था, तो यह ताइवान जलडमरूमध्य के निकट युद्ध की चेतावनी हो सकती है।" 
 अमेरिकी प्रतिक्रिया व्हाइट हाउस ने ट्रंप के एशिया दौरे के बीच इन घटनाओं को 'आंतरिक मामला' बताया है। लेकिन पेंटागन ने दक्षिण चीन सागर में गश्त बढ़ाने का ऐलान किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा, "हमारी नौसेना दुनिया की सबसे मजबूत है। ये दुर्घटनाएं हमें और मजबूत बनाएंगी।" चीनी मीडिया ने इसे 'अमेरिकी अहंकार का सबक' बताया, लेकिन आधिकारिक बयान में संयम बरता। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर भारत और जापान, नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। जांच के नतीजे आने तक सवाल बाकी हैं: क्या दक्षिण चीन सागर अब 'फ्लैशपॉइंट' बन चुका है? अमेरिका-चीन व्यापार समझौते की पृष्ठभूमि में ये घटनाएं शांति प्रयासों को कैसे प्रभावित करेंगी? अपडेट के लिए बने रहें।