बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एनडीए के 'संकल्प पत्र' को 'सॉरी पत्र' करार देते हुए जोरदार हमला बोला है। लालू ने कहा, "बीस साल से सत्ता में बैठे भाजपा-नीतीश कुमार ने नफरत फैलाने के सिवा क्या किया? काम पर वोट मांगकर दिखाएं, अदानी-अंबानी के नाम पर वोट मांगकर दिखाएं। बिहार की जनता अब जवाब देने को तैयार है। ईमानदारी से चुनाव हो तो दोनों को 50 सीटें भी नहीं मिलेंगी।" लालू का यह बयान उनके बेटे तेजस्वी यादव के हमलों से प्रेरित लगता है। तेजस्वी ने एनडीए के घोषणा पत्र को 'जुमला' बताते हुए कहा, "20 साल राज करने के बाद भी बिहार सबसे गरीब राज्य है। कोई फैक्ट्री नहीं, कोई निवेश नहीं। एनडीए को 'सॉरी पत्र' जारी कर 14 करोड़ बिहारियों से माफी मांगनी चाहिए।"
तेजस्वी ने नीतीश कुमार की सेहत पर भी तंज कसा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस जल्दी खत्म कर दी गई ताकि सीएम न बोल पाएं।
एनडीए ने अपने 'संकल्प पत्र' में 1 करोड़ सरकारी नौकरियां, महिलाओं को सशक्तिकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक कल्याण के वादे किए हैं। जेडीयू नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पलटवार किया, "वह बातें करते हैं, हम काम करते हैं। आरजेडी का जंगल राज लौटने की कगार पर है।" भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरजेडी पर 'जंगल राज' का ठप्पा लगाया, जबकि लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। महागठबंधन ने 'तेजस्वी प्रण पत्र' में हर परिवार को एक नौकरी, पुरानी पेंशन बहाली और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे वादे किए हैं। बिहार के 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, नतीजे 14 नवंबर को। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू का यह 'सॉरी पत्र' वाला तंज विपक्ष को मजबूत कर सकता है, खासकर युवाओं और प्रवासियों में। बिहार की जनता विकास, रोजगार और जातिगत समीकरणों पर फैसला लेगी। क्या एनडीए के वादे जनता को लुभा पाएंगे या लालू का सवाल 'काम दिखाओ' गूंजेगा? चुनावी जंग अब चरम पर है!