November 14, 2024
अमेरिका की तुलसी गबार्ड कौन हैं जिन्हें ट्रंप ने इतना अहम पद दिया
अमेरिका की तुलसी गबार्ड कौन हैं जिन्हें ट्रंप ने इतना अहम पद दिया
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पूर्व डेमोक्रेट नेता को अहम पद के लिए चुना है,
जी हां, बात तुलसी गबार्ड की हो रही है, जिन्हें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के रूप में अपनी टीम में शामिल किया है.
ट्रंप ने तुलसी के नाम की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ़्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के रूप में काम करेंगी. डेमोक्रेट राष्ट्रपति नामांकन की पूर्व उम्मीदवार होने के नाते उन्हें दोनों पार्टियों (डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन) से व्यापक समर्थन हैं और अब वो एक प्राउड रिपब्लिकन हैं."
तुलसी ने डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया अदा करते हुए अमेरिकी नागरिकों की अभिव्यक्ति की आज़ादी और सुरक्षा के लिए काम करने की बात कही है.
कौन हैं तुलसी गबार्ड?
साल 1981 में अमेरिकी समोआ में तुलसी का जन्म माइक गबार्ड और कैरल गबार्ड के घर पर हुआ. वह गबार्ड दंपती की पांच संतानों में से एक हैं.
1983 में जब गबार्ड दो साल की थीं तो उनका परिवार अमेरिका के हवाई राज्य में आकर बस गया था. हवाई में आने के बाद उनकी मां कैरल ने हिन्दू धर्म अपना लिया जबकि उनके पिता रोमन कैथोलिक ईसाई थे. हिन्दू धर्म के प्रभाव के कारण ही कैरल ने अपने बच्चों के हिन्दू नाम रखे.
तुलसी गबार्ड ख़ुद को हिन्दू बताती हैं, लेकिन वो भारतीय मूल की नहीं हैं.
साल 2013 में तुलसी पहली बार हवाई राज्य से सांसद चुनी गईं और 2021 तक वो इस पद पर रहीं.
राजनीति के अलावा तुलसी गबार्ड दो दशकों से अधिक समय से आर्मी नेशनल गार्ड से जुड़ी हुई हैं और इस दौरान वो इराक़ और क़ुवैत जैसे देशों में काम कर चुकी हैं.
उन्होंने 2016 के चुनाव से पहले उन्होंने बर्नी सैंडर्स के लिए प्रचार किया और जो बाइडन को समर्थन देने से पहले उन्होंने 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार के रूप में दावेदारी पेश की थी.
गबार्ड अमरीकन राम विलास पासवान है
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवा, मुफ़्त कॉलेज ट्यूशन और गन कंट्रोल जैसे उदारवादी मुद्दों का समर्थन किया था.
2021 में सदन छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ मुद्दों पर डेमोक्रेटिक पार्टी के ख़िलाफ़ रुख़ अपनाया और अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप का समर्थन करते हुए दिखाई देने लगीं.
पूर्व डेमोक्रेट होने के नाते उन्होंने कमला हैरिस के ख़िलाफ़ ट्रंप की तैयारियों में भी काफ़ी मदद की.
अक्टूबर 2022 में उन्होंने विदेश नीति और सामाजिक मुद्दों पर मतभेद की बात कहते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ दिया और खुलकर ट्रंप के समर्थन में आ गईं. इसके बाद 2024 में वो रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुईं.