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यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Wednesday, 8 January 2025

January 08, 2025

फ़िलिस्तीन के पूर्व में अतिग्रहण विरोधी कार्यवाही, इस्राईल शांति नहीं देखेगा

फ़िलिस्तीन के पूर्व में अतिग्रहण विरोधी कार्यवाही, इस्राईल शांति नहीं देखेगा
अरब जगत के विख्यात टीकाकार और विश्लेषक ने जार्डन नदी के पश्चिमी किनारे पर इस्राईल विरोधी कार्यवाही को ज़ायोनी सरकार द्वारा की जा रही हत्या और अपराध का मुंहतोड़ जवाब बताया और पश्चिमी किनारे पर तेज़ी से तूफ़ाने अलअक़्सा के स्थानांतरण और नेतनयाहू को कुठाराघात लगाये जाने की सूचना दी है।

अरब जगत के विख्यात विश्लेषक अब्दुलबारी अत्वान ने जार्डन नदी के पश्चिमी किनारे पर इस्राईल विरोधी कार्यवाही की ओर संकेत करते हुए कहा कि लेबनान पर ज़ायोनी सरकार द्वारा अतिक्रमण पहले से तुर्किये और अमेरिकी षडयंत्र के साथ हुआ था और इस अतिक्रमण में ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू की प्रसन्नता व्यवहारिक नहीं हुई। क्योंकि पश्चिमी किनारे और ग़ाज़ा में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने इस ख़ुशहाली को ख़राब कर दिया।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार अब्दुलबारी अत्वान ने लिखा कि तीन फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ताओं की ओर से क़लक़िलिया नगर के निकट की जाने वाली कार्यवाही में तीन ज़ायोनी हताहत और नौ अन्य घायल हो गये। इस कार्यवाही ने राजनीतिक और अरबी व वैश्विक संचार माध्यमों के दृष्टिकोणों को उसके अस्ली मार्ग यानी फ़िलिस्तीन की ओर पलट दिया।

अरब जगत के इस विश्लेषक ने बल देकर लिखा कि यह कार्यवाही इस बात की पुष्टि थी कि इस्राईली सरकार शांति का मुंह नहीं देखेगी और ग़ाज़ा में नस्ली सफ़ाया यमन और दक्षिणी लेबनान की प्रतिक्रिया के बिना रहेगी और इस कार्यवाही का महत्व यह है कि वह उस नगर में हुई है जहां अतिग्रहणकारियों ने सुरक्षा कड़ी कर रखी है।

अब्दुलबारी अत्वान ने आगे लिखा कि जो चीज़ इस्राइलियों को बहुत तकलीफ़ देती है वह इस कार्यवाही का पश्चिमी किनारे पर रहने वाले फ़िलिस्तीनियों की ओर से अंजाम दिया जाना है और इसका अर्थ इस्राईल की गुप्त जानकारियों की नाकामी और ज़ायोनी नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने में इस्राईल की विफ़लता व नाकामी है।

उन्होंने लिखा कि ग़ाज़ा में नस्ली सफ़ाया करने वाली क़ुद्स की अतिग्रहणकारी सेना का पागलपन पहले चरण में तूफ़ाने अक़सा की ओर पलटता है कि उसने जंग को ज़ायोनी सरकार के केन्द्र में पहुंचा दिया और ज़ायोनी सरकार के सुरक्षा तंत्रों की गुप्त जानकारियों की कलई खोल दी है।

अत्वान ने लिखा कि फ़िलिस्तीनी कार्यवाहियों में वृद्धि, यमनियों के मिसाइली हमलों और अतिग्रहकारी सरकार की रक्षाप्रणाली की नाकामी से ज़ायोनी दुश्मनों को बहुत क्रोधित कर दिया है।

अत्वान ने पश्चिमी किनारे के ख़िलाफ़ इस्राईल के युद्ध मंत्री की धमकियों की ओर संकेत करते हुए लिखा कि नेतनयाहू और उनके युद्धमंत्री नहीं जानते कि 76 साला धमकियों का कोई परिणाम व नतीजा नहीं निकला है और फ़िलिस्तीनी राष्ट्र व जनता और उसकी भावी पीढ़ियां इस देश का भविष्य हैं और वे पूरे क्षेत्र का भविष्य निर्धारित करेंगी। MM


January 08, 2025

आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिल्ली सीएम आवास में घुसने से रोका गया, धरने पर बैठे

आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिल्ली सीएम आवास में घुसने से रोका गया, धरने पर बैठे
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ गए

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज दिल्ली में 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.

दिल्ली पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता इसके बाहर ही धरने पर बैठ गए.

दरअसल आम आदमी पार्टी के नेता मीडिया वालों को लेकर अरविंद केजरीवाल के पूर्व सरकारी आवास को दिखाने आए थे.

आम आदमी पार्टी ने कहा है, ‘’बीजेपी नेता मीडिया के साथ केजरीवाल के पूर्व सीएम आवास पर आएं और दिखाएं कि सोने के टॉयलेट और स्विमिंग पूल कहां हैं. मीडिया खुद बीजेपी का झूठ देखे. इसके बाद बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के राजमहल का दौरा उनको करवाए.''

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी 2700 करोड़ के 'राजमहल' में रहते हैं.


January 08, 2025

अमेरिका के लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी आग फैली, हज़ारों लोगों को घर छोड़ने का आदेश

अमेरिका के लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी आग फैली, हज़ारों लोगों को घर छोड़ने का आदेश
लॉस एंजेलिस में आग लगने के बाद वहां इमरजेंसी घोषित कर दी गई है.

अमेरिका में लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी आग फैलती जा रही है. दस एकड़ के दायरे में लगी आग कुछ ही घंटों में तकरीबन 2,900 एकड़ में फैल गई है.

इस बीच, लॉस एंजेलिस में स्टेट ऑफ़ इमरजेंसी का एलान कर दिया गया है. फायर डिपार्टमेंट के चीफ क्रिस्टिन क्रोले ने कहा है कि 30 हज़ार लोगों को अपने घर छोड़ने को कहा गया है.

आग बुझाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, लेकिन अभी इसमें काफी वक़्त लग सकता है. लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि आग और फैलने का ख़तरा है.


January 08, 2025

राजनाथ सिंह ने मालदीव के रक्षा मंत्री से की द्विपक्षीय वार्ता, क्या चर्चा हुई?

राजनाथ सिंह ने मालदीव के रक्षा मंत्री से की द्विपक्षीय वार्ता, क्या चर्चा हुई?
        मालदीव के रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ सिंह

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद गसन मौमून से द्विपक्षीय वार्ता की.

राजनाथ सिंह ने मुलाक़ात के बाद कहा कि मोहम्मद गसन मौमून के साथ बातचीत सार्थक रही.

राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने मालदीव के रक्षा मंत्री से दोनों देशों के रक्षा सहयोग बढ़ाने से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की. इससे मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, "आज की चर्चा से भारत-मालदीव संबंधों में नई ताकत आएगी."
राजनाथ सिंह की मालदीव के रक्षा मंत्री से द्विपक्षीय वार्ता को काफी अहम माना जा रहा है.

ये बातचीत ऐसे समय में हुई है जब पिछले साल भारत ने मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया था और दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.



January 08, 2025

विदेश सचिव विक्रम मिस्री अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से मिले, क्या बात हुई?

विदेश सचिव विक्रम मिस्री अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से मिले, क्या बात हुई?
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर ख़ान मुत्ताकी से दुबई में मुलाक़ात की.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि विक्रम मिस्री और आमिर ख़ान मुत्ताकी ने इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश सचिव ने अफ़ग़ानों के साथ भारत की ऐतिहासिक मित्रता और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को रेखांकित किया.’’

बयान में कहा गया है कि भारत ने अफ़ग़ानिस्तान की विकास की ज़रूरतों को पूरा करने में भारत की तत्परता के बारे में जानकारी दी.

दोनों पक्षों ने खेल (क्रिकेट) के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की. अफ़ग़ानिस्तान और भारत ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई है.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, बैठक में अफगान पक्ष ने भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता को रेखांकित किया.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘अफ़ग़ानिस्तान के लिए मानवीय सहायता के उद्देश्य सहित व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों में सहयोग के लिए चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी.’’


January 08, 2025

कनाडा को अमेरिका वाक़ई अपने में मिला लेगा, क्या यह संभव है?

कनाडा को अमेरिका वाक़ई अपने में मिला लेगा, क्या यह संभव है?
कनाडा और अमेरिका पड़ोसी देश हैं लेकिन ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से तनाव बढ़ता दिख रहा है
कनाडा अमेरिका से क्षेत्रफल में एक लाख 51 हज़ार 150 वर्ग किलोमीटर बड़ा है. दूसरी तरफ़ अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा को अमेरिका का 51वाँ राज्य बनाना चाहते हैं.

अगर ऐसा होता है तो अमेरिका का 51वाँ राज्य क्षेत्रफल के मामले में संपूर्ण मौजूदा अमेरिका से बड़ा होगा.

कनाडा नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइज़ेशन यानी नेटो का संस्थापक सदस्य देश है. नेटो दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1949 में बना था. नेटो ने बनने के बाद घोषणा की थी कि उत्तरी अमेरिका या यूरोप के सदस्य देशों में से किसी एक पर हमला होता है तो उसे संगठन में शामिल सभी देश अपने ऊपर हमला मानेंगे. नेटो में शामिल हर देश एक-दूसरे की मदद करेंगे.

लेकिन अब नेटो के संस्थापक देश अमेरिका दूसरे संस्थापक देश कनाडा को ख़ुद में मिलाने की बात कर रहा है.

दरअसल, ट्रंप यह नहीं कह रहे हैं कि वह कनाडा को जबरन अमेरिका में मिला देंगे, बल्कि वहाँ के नेताओं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए.
दोनों देशों के बीच खुली सरहद है, लेकिन ट्रंप की शिकायत रही है कि कनाडा के ज़रिए अमेरिका में अवैध प्रवासियों की बाढ़ आ गई है

दोनों देश कैसे एक हो सकते हैं?

दोनों देशों को एक होना है तो इसकी क़ानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया होगी. कनाडा की न्यूज़ वेबसाइट टोरंटो स्टार ने लिखा है, बुनियादी मुद्दा यह है कि कनाडा में संवैधानिक रूप से राजशाही है और अमेरिका गणतंत्र है.

टोरंटो स्टार से हाउस ऑफ कॉमन्स और इलेक्शन्स कनाडा में लीगल काउंसल रहे ग्रेगरी थार्डी ने कहा, ''अगर आप राजशाही को गणतंत्र में बदलना चाहते हैं तो इस पर किंग के ऑफिस से डील करनी होगी. इस मामले को कनाडा एक्ट ऑफ 1982 के सेक्शन 41 के तहत देखना होगा. इसके लिए संविधान संशोधन करना होगा और पूरी व्यवस्था बदलनी होगी.''

टोरंटो स्टार से कनाडाई फोर्सेज कॉलेज में डिफेंस स्टडीज़ के प्रोफ़ेसर ऐडम चैपनिक ने कहा, ''सच कहिए तो मुझे नहीं लगता है कि यह संभव है. वो भी तब जब कनाडा के ज़्यादातर लोग अमेरिका में शामिल होने के ख़िलाफ़ हैं. अगर इसे लेकर दोनों देश वाक़ई गंभीरता से सोचेंगे तो इसमें सालों नहीं तो महीनों लगेंगे. मुझे नहीं लगता है कि अमेरिका की यह प्राथमिकता है. मुझे लगता है कि यह खिल्ली उड़ाने से ज़्यादा नहीं है.''

अमेरिका वाक़ई इसे लेकर गंभीर है तो शुरुआत उसे ही करनी होगी. उसे नया राज्य जोड़ने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी. इस मामले में अमेरिकी कांग्रेस ही केवल फ़ैसला ले सकती है.

वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर मैथ्यू लेबो ने टोरंटो स्टार से कहा, ''अमेरिका में एक नए राज्य को जोड़ने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट दोनों से प्रस्ताव पास कराना होगा. दोनों सदनों से प्रस्ताव पास कराने के लिए महाबहुमत की ज़रूरत होगी.''

हालांकि सामान्य तौर पर अमेरिकी क्षेत्र ही नया राज्य बनता है. जैसे पुएर्तो रिको या यूएस वर्जिन आईलैंड्स. यहाँ के लोग अमेरिकी नागरिक तो हैं लेकिन राज्य का दर्जा नहीं मिला है. दशकों से रिको में स्टेटहुड को लेकर राजनीतिक विवाद रहा है.

लेबो कहते हैं कि अगर कनाडा या इसका एक हिस्सा अमेरिका में शामिल होना चाहता है और अमेरिकी कांग्रेस इसके लिए तैयार है, तब भी मुझे नहीं लगता है कि कनाडा की सरकार इसकी अनुमति देगी. अतीत में स्टेटहुड एक ख़ूनी प्रक्रिया रही है. अमेरिका ने टेक्सस को मेक्सिको से लिया था तो चार सालों तक संघर्ष हुआ था और इसमें हज़ारों लोगों की जान गई थी.



January 08, 2025

ख़ालिदा ज़िया आधी रात क़तर के भेजे प्लेन से गईं लंदन, कई तरह के उठ रहे सवाल

ख़ालिदा ज़िया आधी रात क़तर के भेजे प्लेन से गईं लंदन, कई तरह के उठ रहे सवाल
ख़ालिदा ज़िया लंदन रवाना होने से पहले ढाका एयरपोर्ट पर
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष ख़ालिदा ज़िया मंगलवार को आधी रात 11:47 बजे ढाका के हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुई थीं.

एयरपोर्ट के वीआईपी लाउन्ज में बीएनपी स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य अपनी नेता की सुरक्षित यात्रा के लिए दुआओं के साथ जुटे थे.

ख़ालिदा ज़िया के लंदन जाने के लिए क़तर के अमीर ने प्लेन भेजा था. बीएनपी के महासचिव मिर्ज़ा फ़खरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि ख़ालिदा झूठे मुक़दमों में छह सालों से जेल में थीं.

आलमगीर ने कहा, "क़ैद के दौरान वह गंभीर रूप से बीमार थीं. उन्हें इलाज की ज़रूरत थी और हम शेख़ हसीना की सरकार से विदेश में इलाज के लिए आग्रह करते रहे, लेकिन अनुमति नहीं मिली थी.''
79 साल की ख़ालिदा ज़िया अपने घर से रात 8:12 बजे निकल गई थीं और क़तर से प्लेन 10 बजे पहुँचा था. ख़ालिदा ज़िया को विदा करने बड़ी संख्या में बीएनपी के समर्थक एयरपोर्ट के क़रीब जुटे थे.

बुधवार दोपहर बाद 2:55 बजे लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर ख़ालिदा ज़िया का विमान उतरा और वहां अगवानी में उनके बेटे तारिक़ रहमान मौजूद थे.

तारिक़ रहमान की अपनी माँ से लगभग सात सालों बाद मुलाक़ात हुई. तारिक़ रहमान के साथ उनकी पत्नी ज़ुबैदा रहमान भी एयरपोर्ट पर मौजूद थीं.

तारिक़ रहमान बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. रहमान पिछले कई सालों से लंदन में रह रहे हैं और वहीं से पार्टी चलाते हैं.