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Thursday, 14 November 2024

November 14, 2024

अमेरिका की तुलसी गबार्ड कौन हैं जिन्हें ट्रंप ने इतना अहम पद दिया

अमेरिका की तुलसी गबार्ड कौन हैं जिन्हें ट्रंप ने इतना अहम पद दिया
तुलसी साल 2024 में आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के साथ जुड़ी थीं.

अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पूर्व डेमोक्रेट नेता को अहम पद के लिए चुना है, 

जी हां, बात तुलसी गबार्ड की हो रही है, जिन्हें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के रूप में अपनी टीम में शामिल किया है.

ट्रंप ने तुलसी के नाम की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ़्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के रूप में काम करेंगी. डेमोक्रेट राष्ट्रपति नामांकन की पूर्व उम्मीदवार होने के नाते उन्हें दोनों पार्टियों (डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन) से व्यापक समर्थन हैं और अब वो एक प्राउड रिपब्लिकन हैं."

तुलसी ने डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया अदा करते हुए अमेरिकी नागरिकों की अभिव्यक्ति की आज़ादी और सुरक्षा के लिए काम करने की बात कही है.

कौन हैं तुलसी गबार्ड?

साल 1981 में अमेरिकी समोआ में तुलसी का जन्म माइक गबार्ड और कैरल गबार्ड के घर पर हुआ. वह गबार्ड दंपती की पांच संतानों में से एक हैं.

1983 में जब गबार्ड दो साल की थीं तो उनका परिवार अमेरिका के हवाई राज्य में आकर बस गया था. हवाई में आने के बाद उनकी मां कैरल ने हिन्दू धर्म अपना लिया जबकि उनके पिता रोमन कैथोलिक ईसाई थे. हिन्दू धर्म के प्रभाव के कारण ही कैरल ने अपने बच्चों के हिन्दू नाम रखे.

तुलसी गबार्ड ख़ुद को हिन्दू बताती हैं, लेकिन वो भारतीय मूल की नहीं हैं.
तुलसी के पिता पहले रिपब्लिकन पार्टी (2004-2007) और फिर साल 2007 से डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हैं.

साल 2013 में तुलसी पहली बार हवाई राज्य से सांसद चुनी गईं और 2021 तक वो इस पद पर रहीं.

राजनीति के अलावा तुलसी गबार्ड दो दशकों से अधिक समय से आर्मी नेशनल गार्ड से जुड़ी हुई हैं और इस दौरान वो इराक़ और क़ुवैत जैसे देशों में काम कर चुकी हैं.

उन्होंने 2016 के चुनाव से पहले उन्होंने बर्नी सैंडर्स के लिए प्रचार किया और जो बाइडन को समर्थन देने से पहले उन्होंने 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार के रूप में दावेदारी पेश की थी.
गबार्ड अमरीकन राम विलास पासवान है
 उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवा, मुफ़्त कॉलेज ट्यूशन और गन कंट्रोल जैसे उदारवादी मुद्दों का समर्थन किया था.

2021 में सदन छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ मुद्दों पर डेमोक्रेटिक पार्टी के ख़िलाफ़ रुख़ अपनाया और अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप का समर्थन करते हुए दिखाई देने लगीं.

पूर्व डेमोक्रेट होने के नाते उन्होंने कमला हैरिस के ख़िलाफ़ ट्रंप की तैयारियों में भी काफ़ी मदद की.

अक्टूबर 2022 में उन्होंने विदेश नीति और सामाजिक मुद्दों पर मतभेद की बात कहते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ दिया और खुलकर ट्रंप के समर्थन में आ गईं. इसके बाद 2024 में वो रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुईं.




November 14, 2024

DRDOની ઐતિહાસિક સફળતા: વધુ એક મિસાઇલનું કર્યું સફળ પરીક્ષણ…

DRDOની ઐતિહાસિક સફળતા: વધુ એક મિસાઇલનું કર્યું સફળ પરીક્ષણ…
ભારતે સંરક્ષણ ક્ષેત્રમાં વધુ એક મોટી સફળતા હાંસલ કરી છે. દેશની આ સફળતાને કારણે દુશ્મનોનો પરસેવો છૂટી જવાનો છે. ડિફેન્સ રિસર્ચ એન્ડ ડેવલપમેન્ટ ઓર્ગેનાઈઝેશને (DRDO) ઓડિશાના દરિયાકિનારે ચાંદીપુરની ઈન્ટિગ્રેટેડ ટેસ્ટ રેન્જથી (ITR) લોંગ રેન્જ લેન્ડ એટેક ક્રૂઝ મિસાઈલનું (LRLACM) પ્રથમ ઉડાન પરીક્ષણ કર્યું હતું. સંરક્ષણ ક્ષેત્રે ભારત ઝડપથી આગળ વધી રહ્યું છે. વિશ્વના શક્તિશાળી દેશો પણ ભારતના સંરક્ષણ ઉપકરણોના વખાણ કરી રહ્યા છે. આ જ ક્રમમાં ભારતે આજે વધુ એક ઐતિહાસિક સફળતા હાંસલ કરી છે.

આ પરીક્ષણ મોબાઈલ આર્ટિક્યુલેટેડ લોન્ચર વડે કરવામાં આવ્યું હતું. પરીક્ષણ દરમિયાન, બધી સબસિસ્ટમ્સ અપેક્ષા મુજબ કાર્ય કરે છે અને તેમના મુખ્ય લક્ષ્યોને પૂર્ણ કર્યું છે. મિસાઇલના પ્રદર્શન પર નજર રાખવા માટે, ફ્લાઇટ પાથને સંપૂર્ણપણે આવરી લેવા માટે ITR દ્વારા વિવિધ સ્થળોએ રડાર, ઇલેક્ટ્રો-ઓપ્ટિકલ ટ્રેકિંગ સિસ્ટમ (EOTS) અને ટેલિમેટ્રી જેવા કેટલાક રેન્જ સેન્સર તૈનાત કરવામાં આવ્યા હતા.

રક્ષા મંત્રી રાજનાથ સિંહે આપ્યા અભિનંદન:

DRDOએ લોંગ રેન્જ ગ્રાઉન્ડ એટેક મિસાઈલના આ પરીક્ષણને મોટી સફળતા ગણાવી છે. રક્ષા મંત્રી રાજનાથ સિંહે પ્રથમ ફ્લાઇટના સફળ પરીક્ષણ પર DRDO, સશસ્ત્ર દળો અને ઉદ્યોગ જગતને અભિનંદન પાઠવ્યા છે. તેમણે કહ્યું કે આ ભાવિ સ્વદેશી ક્રૂઝ મિસાઈલ વિકાસ કાર્યક્રમો માટે માર્ગ મોકળો કરે છે. દરમિયાન, સંરક્ષણ સંશોધન અને વિકાસ વિભાગના સચિવ અને DRDOના અધ્યક્ષ ડૉ. સમીર વી કામતે આ સફળ પ્રક્ષેપણ પર DRDOની સમગ્ર ટીમને અભિનંદન પાઠવ્યા હતા.

સૂત્રોએ જણાવ્યું કે એન્ટી શિપ બેલેસ્ટિક મિસાઈલને યુદ્ધ જહાજ અને દરિયાકાંઠાના બંને સ્થળોએથી લોન્ચ કરી શકાય છે. સૂત્રોએ જણાવ્યું કે આ મિસાઈલ સિસ્ટમ ભારતીય નૌકાદળ માટે વિકસાવવામાં આવી રહી છે અને તેનાથી દુશ્મનના જહાજોને લાંબા અંતરથી તોડી પાડવાની ક્ષમતા મળશે. રક્ષા મંત્રી રાજનાથ સિંહની ઓફિસે પણ ટ્વિટ કરીને વૈજ્ઞાનિકોને આ સફળતા બદલ અભિનંદન પાઠવ્યા છે.

November 14, 2024

फ़िलिस्तीनियों का नस्ली सफ़ाया एक गंभीर Project है (अधिकांश शहीद होने वाले महिलायें और बच्चे हैं)

फ़िलिस्तीनियों का नस्ली सफ़ाया एक गंभीर Project है (अधिकांश शहीद होने वाले महिलायें और बच्चे हैं)
दाहिनी तरफ़ मानवाधिकार के मामलों में राष्ट्रसंघ के महासचिव की सहायक Joyce Msuya- बायीं तरफ़ फ़िलिस्तीन में राष्ट्रसंघ की विशेष रिपोर्टर Francesca P. Albanese

फ़िलिस्तीन में राष्ट्रसंघ की विशेष रिपोर्टर ने ग़ज़ा में ज़ायोनी सरकार के अपराधों, नस्ली सफ़ाये और इन अपराधों में भेंट चढ़ने वालों के दृष्टिगत विश्व समुदाय से मांग की है कि वह इस मामले पर विशेष ध्यान दे।

फ़िलिस्तीन में संयुक्त राष्ट्रसंघ की विशेष रिपोर्टर Francesca P. Albanese ने सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी सरकार द्वारा किये जा रहे नस्ली सफ़ाये पर प्रतिक्रिया में लिखा है कि (ग़ज़ा में हो रहे नस्ली सफ़ाये को एक कहानी बनने दीजिये, एक नस्ली सफ़ाये की भेंट चढ़ने वालों को कभी भी मत भूलिये)

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार मानवाधिकार मामलों में संयुक्त राष्ट्रसंघ में महासचिव की सहायक Joyce Msuya ने भी सुरक्षा परिषद की बैठक में ग़ज़ा की हृदयविदारक स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट पेश करते हुए एलान किया है कि इस्राईली हमलों में शहीद होने वाले 70 प्रतिशत महिलायें व बच्चे हैं।

दूसरी ओर मानवाधिकार और पर्यावरण के संबंध में एक स्वीडिश कार्यकर्ता Greta Thunberg ने एक वीडियो प्रकाशित करके ग़ज़ा पट्टी में हो रहे नस्ली सफ़ाये में कुछ सरकारों के शामिल होने पर आपत्ति जताई और लिखा है कि विभिन्न देशों में तुर्किये और आज़रबाइजान गणराज्य के दूतावासों के सामने इकट्ठा होकर इस्राईल द्वारा ग़ज़ा पट्टी में किये जा रहे नस्ली सफ़ाये में इन देशों की भागीदारी को समाप्त कराया जाना चाहिये।

मानवाधिकार के मामलों में राष्ट्रसंघ के महासचिव की सहायक Ilze Brands Kehris ने भी राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद की बैठक में बल देकर कहा है कि इस्राईल के भीषण हमलों की वजह से ग़ज़ा में कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं है। इस क्षेत्र की स्थिति संकटग्रस्त और उसे शीघ्र ही अकाल की स्थिति का सामना होगा।

इसी बीच राष्ट्रसंघ में फ़िलिस्तीन के राजदूत रियाज़ मंसूर ने सुरक्षा परिषद का आह्वान किया है कि वह ग़ज़ा में अकाल संकट के संबंध में क़दम उठाये। रियाज़ मंसूर ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आइये विचार करते हैं। इस्राईल अपने साम्राज्यवादी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लक्ष्य से अकाल का प्रयोग नस्ली सफ़ाये के हथकंडे के रूप में कर रहा है।

फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों  की राष्ट्रसंघ की सहायता एजेन्सी आनरवा की रिपोर्ट के अनुसार ग़ज़ा पट्टी के लिए जो सहायता भेजी जा रही है वह पिछले कुछ महीनों के दौरान सबसे कम स्तर पर पहुंच गयी है। आनरवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में कहा कि बच्चे अपनी जान से हाथ धो रहे हैं, लोग प्रतिदिन मर रहे हैं और यहां के लोगों को हर चीज़ की ज़रूरत है। MM


November 14, 2024

'यमन के अंसारुललाह ने अमेरिकी युद्धपोतों पर ड्रोन-मिसाइलों से किया हमला', पेंटागन ने की पुष्टि

'यमन के अंसारुललाह ने अमेरिकी युद्धपोतों पर ड्रोन-मिसाइलों से किया हमला', पेंटागन ने की पुष्टि
                सांकेतिक तस्वीर 
 अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता मेजर जनरल पैट राइडर ने बताया कि हमलावरों ने कम से कम आठ ड्रोन, पांच एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल और तीन एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इन हमलों में अमेरिकी जहाजों को भारी नुकसान हुआ।

यमन के अंसारुललाह ने सोमवार को दो अमेरिकी युद्धपोतों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। ये हमले बाब अल-मंदेब जलडमरूमध्य के पास हुए।  इस हमले मे अमेरिकी युद्धपोतों को भारी नुकसान उठाना पड़ा अमेरिका के रक्षा विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 
यमन के अंसारुललाह ने किया वीडियो जारी 


यमन के अंसारुललाह ने ड्रोन-बैलिस्टिक मिसाइलों का किया इस्तेमाल'

अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता मेजर जनरल पैट राइडर ने बताया कि हमलावरों ने कम से कम आठ ड्रोन, पांच एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल और तीन एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया। हालांकि,  और कइ सैनिक घायल हुए राइडर ने यह भी स्पष्ट किया कि अंसारुललाह ने जो विमानवाहक पोत यूएसएस अब्राहम लिंकन पर हमला किया वो सही था 

 यूएसएस अब्राहम लिंकन को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले दुर्लभ होते हैं और इस बार तीन अमेरिकी युद्धपोत  हमलों का निशाना बना हमने युद्ध पोत को वहा से हटा ने का फ़ैसला लिया ओर अब आग पर काबु पा लिया गया हे। 
November 14, 2024

ऑयल टैंकर पर यमन के अंसारुललाह के हमले का वीडियो वायरल:ग्रीस के टैंकर पर एक साथ 6 विस्फोट किए, समुद्र में तेल फैलने का खतरा

ऑयल टैंकर पर यमन के अंसारुललाह के हमले का वीडियो वायरल:ग्रीस के टैंकर पर एक साथ 6 विस्फोट किए, समुद्र में तेल फैलने का खतरा
यमन के अंसारुललाह गुट ने ग्रीस के झंडे वाले एक ऑयल टैंकर पर हमले की वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में अंसारुललाह के जाबांज टैंकर पर चढ़ते नजर आ रहे हैं। टैंकर पर चढ़ने के बाद हूती विद्रोहियों ने विस्फोटक लगाकर एक साथ 6 जगह ब्लास्ट किया। इस ऑयल टैंकर का नाम सोनियन है।

November 14, 2024

कनाडा ने वॉन्टेड अपराधी सिद्धू को बनाया सुपरिटेंडेंट: आतंकवाद के आरोप किए खारिज, भारत ने ISI से कनेकेशन बताया

कनाडा ने वॉन्टेड अपराधी सिद्धू को बनाया सुपरिटेंडेंट: आतंकवाद के आरोप किए खारिज, भारत ने ISI से कनेकेशन बताया
कनाडा ने भारत के भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल संदीप सिंह सिद्धू उर्फ सनी टोरंटो को बेकसूर बताया है। साथ हीं उसे वापस से सुपरिटेंडेंट के पद पर तैनात कर दिया गया है। आरोप लगने से पहले सनी बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) में तैनात था। लेकिन, 2020 में उसपर आतंकवादी गतिविधियों में संदिग्ध पाया गया था।

कनाडा ने भारत के भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल संदीप सिंह सिद्धू उर्फ सनी टोरंटो को बेकसूर बताया है। साथ हीं उसे वापस से सुपरिटेंडेंट के पद पर तैनात कर दिया गया है।

बता दें, आरोप लगने से पहले सनी बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) में तैनात था। लेकिन, 2020 में उसपर आतंकवादी गतिविधियों में पाया गया था।

इन आरोपों की जांच कनैडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) कर रही थी। एजेंसी हाल हीं में उसे क्लीन चीट दे दी और उसका पद भी वापस कर दिया है।

इसी साल भारत ने किया था भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल

सनी पर भारत ने शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंग संधू की हत्या का आरोप है। संधू पेशे से शिक्षक और खालिस्तानी विरोधी थे। 90 के दशक में खालिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के चलते उन्हें 1993 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

लेकिन, 16 अक्टूबर 2020 को उन्हें पंजाब में उनके घर ही में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें  उसका सनी का भा नाम आया था। इसके बाद NIA ने सनी को खालिस्तानी आतंकवादियों से भी जुड़ा हुआ पाया और ISI से भी ताल्लुक रखने वाला बताया है।

इसीलिए, अक्टूबर में भारत सरकार ने सनी को भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल किया था। सनी को भारत में प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) का सदस्य भी बताया जा रहा है।

बता दें, इसका कारण भारत और कनाडा के बीच तनाव को बताया जा रहा है। क्योंकि इससे पहले भारत ने 14 अक्टूबर को कार्यकारी हाई कमिश्नर स्टीवर्ट रॉस व्हिलर समेत 6 कनाडाई डिप्लोमेट्स को देश से निष्कासित कर दिया था।

इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने कनाडा में अपने हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया था।

बताते चलें, इस तनातनी की वजह भारतीय हाई कमिश्नर और कुछ दूसरे डिप्लोमेट्स को कनाडाई नागरिक की हत्या में संदिग्ध बताने के साथ शुरु हुआ। इसके बाद ट्रूडो सरकार ने एक चिट्ठी भारत सरकार को भेजी थी और भारत सरकार को इसमें आरोपित माना था।




November 14, 2024

ઈઝરાયલને ઝટકો! મજબૂત મુસ્લિમ દેશે સાથ છોડ્યો, તમામ પ્રકારના સંબંધો તોડવાનું કર્યું એલાન

ઈઝરાયલને ઝટકો! મજબૂત મુસ્લિમ દેશે સાથ છોડ્યો, તમામ પ્રકારના સંબંધો તોડવાનું કર્યું એલાન
તુર્કિયેના પ્રમુખ રેસેપ તૈયપ એર્દોગને બુધવારે જાહેરાત કરી કે તુર્કિયેએ ઈઝરાયલની સાથે તમામ સંબંધ તોડી દીધા છે. આ નિવેદન તેમણે સાઉદી અરેબિયા અને અજરબૈજાનના પ્રવાસ બાદ પોતાના વિમાનમાં પત્રકારો સાથે વાતચીત દરમિયાન આપ્યું. એર્દોગને કહ્યું, 'તુર્કિયે ગણરાજ્યની સરકાર, મારા નેતૃત્વમાં, ઈઝરાયલની સાથે કોઈ પણ પ્રકારના સંબંધ રાખશે નહીં અને અમે પોતાના આ વલણ પર દ્રઢ રહીશું.'
તુર્કિયેએ પોતાના રાજદૂત બોલાવ્યા હતા

તુર્કિયેએ મે મહિનામાં ઈઝરાયલ પર વ્યાપારી પ્રતિબંધ લગાવ્યા હતા, પરંતુ હજુ પણ તુર્કિયેના રાજદ્વારી મિશન તેલ અવીવમાં ખુલ્લા અને સંચાલિત છે. ગયા વર્ષે તુર્કિયેએ પોતાના રાજદૂતને પાછા બોલાવી લીધા હતા, જ્યારે ઈઝરાયલે સુરક્ષા કારણોથી અંકારામાં પોતાના દૂતાવાસ ખાલી કરી દીધા.

એર્દોગને એ પણ કહ્યું કે તુર્કિયે ઈઝરાયલના વડાપ્રધાન બેન્જામિન નેતન્યાહૂને ગાઝામાં કરવામાં આવેલા કૃત્યો માટે જવાબદાર ઠેરવવા માટે દરેક શક્ય પગલા ઉઠાવશે. તુર્કિયેએ આ વર્ષે આંતરરાષ્ટ્રીય કોર્ટમાં ઈઝરાયલ વિરુદ્ધ ચાલી રહેલા નરસંહાર મામલે હસ્તક્ષેપ કર્યો છે અને ઈઝરાયલ પર હથિયાર પ્રતિબંધની પણ વકાલત કરી છે.

નવેમ્બરમાં તુર્કિયેએ સંયુક્ત રાષ્ટ્રમાં ઈઝરાયલને હથિયારો અને ગોળા-બારુદનો પુરવઠો રોકવા માટે એક પહેલ શરૂ કરી, જેમાં 52 દેશો અને બે આંતરરાષ્ટ્રીય સંગઠનોને સમર્થન આપ્યું છે. એર્દોગને કહ્યું કે તેમણે આ પહેલને સંયુક્ત રાષ્ટ્ર સુરક્ષા પરિષદના અધ્યક્ષ અને મહાસચિવ સમક્ષ પ્રસ્તુત કર્યા છે અને રિયાધમાં આયોજિત એક શિખર સંમેલનમાં અરબ લીગના તમામ સભ્યોને એક પત્ર પર હસ્તાક્ષર કરવાનું આમંત્રણ પણ આપ્યું. 

તુર્કિયે-ઈઝરાયલ સંબંધોમાં ઘટાડો

તુર્કિયે અને ઈઝરાયલના સંબંધોમાં ગયા વર્ષે ન્યૂયોર્કમાં એર્દોગન અને નેતન્યાહૂની વચ્ચે બેઠક બાદથી ઘટાડો આવ્યો છે, જે બંને દેશોની વચ્ચે શાંતિનું પ્રતીક માનવામાં આવ્યુ હતુ પરંતુ 7 ઓક્ટોબર 2023એ હમાસ દ્વારા ઈઝરાયલ પર હુમલા અને તે બાદ ગાઝા પર ઈઝરાયલની જવાબી કાર્યવાહી બાદ જેમાં 43,000 થી વધુ પેલેસ્ટાઈન માર્યા ગયા, તુર્કિયેએ નેતન્યાહુ સરકારની આકરી ટીકા કરી છે.

તુર્કિયેમાં તાજેતરની સ્થાનિક ચૂંટણીમાં એર્દોગનની ન્યાય અને વિકાસ પાર્ટી (AKP) એ કમજોર પ્રતિક્રિયાના કારણે ટીકાનો સામનો કરવો પડ્યો, જે બાદ તુર્કિયેએ ઈઝરાયલ પર કાયદેસર અને વ્યાપારી પ્રતિબંધોને વધુ કડક કર્યાં.