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Thursday, 17 July 2025

July 17, 2025

महाराष्ट्र विधानसभा परिसरात गोंधळ: भाजप आणि राष्ट्रवादी काँग्रेस समर्थकांमध्ये हाणामारी

महाराष्ट्र विधानसभा परिसरात गोंधळ: भाजप आणि राष्ट्रवादी काँग्रेस समर्थकांमध्ये हाणामारी
मुंबई: गुरुवारी महाराष्ट्र विधान भवनात प्रचंड गोंधळ झाला, ज्यामुळे सत्ताधारी आणि विरोधी पक्षाच्या नेत्यांमध्ये आरोप-प्रत्यारोप सुरू झाले. भाजप आमदार गोपीचंद पडळकर आणि राष्ट्रवादी काँग्रेस (शरदचंद्र पवार) नेते जितेंद्र आव्हाड यांच्या समर्थकांमध्ये हिंसक झटापट झाली. या घटनेनंतर जितेंद्र आव्हाड म्हणाले, “गुंडांना विधानसभेत प्रवेश दिला गेला. मला त्रास दिला गेला, जीवे मारण्याची धमकी देण्यात आली आणि शिवीगाळ करण्यात आली. विधानसभेत याचीच अपेक्षा आहे का? मी भाषण करून बाहेर पडलो आणि हे लोक माझ्याशी भिडले. जर आमदार विधान भवनात सुरक्षित नसतील, तर आम्ही आमदार का राहावे?” या गोंधळाचे फुटेज सोशल मीडियावर व्हायरल झाले, ज्यात लोक एकमेकांशी हाणामारी करताना दिसत आहेत. समाचार एजन्सी एएनआयच्या मते, शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे) नेते उद्धव ठाकरे यांनी हा गोंधळ दुर्दैवी असल्याचे म्हटले. ते म्हणाले, “जर गुंड विधानसभेपर्यंत पोहोचले, तर गृहमंत्री आणि मुख्यमंत्री यांनी जबाबदारी घ्यावी. हे अत्यंत दुर्दैवी आहे.” एएनआयच्या मते, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी या घटनेवर चिंता व्यक्त केली. ते म्हणाले, “ही परिस्थिती योग्य नाही. हा विषय विधानसभा अध्यक्ष आणि विधान परिषद अध्यक्ष यांच्या अधिकारक्षेत्रात येतो. विधान भवनात अशा प्रकारच्या झटापटी होऊ नयेत. यामुळे या प्रकरणाची योग्य चौकशी व्हावी.” स्थानिक मीडियाच्या वृत्तानुसार, बुधवारी या दोन्ही नेत्यांमध्ये कारचा दरवाजा बंद करण्यावरून तीव्र वाद झाला होता. या वादाने दोघांमधील आधीपासूनचे तणाव अधिकच वाढवले. पडळकर यांनी या घटनेबद्दल खेद व्यक्त करत विधानसभा अध्यक्ष आणि विधान परिषद अध्यक्ष यांच्याकडे माफी मागितली. ते म्हणाले, “ही दुर्दैवी घटना आहे. मी याचा निषेध करतो आणि माफी मागतो.” विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर यांनी या प्रकरणाच्या चौकशीसाठी सविस्तर अहवाल मागवला असून दोन व्यक्तींना ताब्यात घेण्यात आले आहे. या घटनेमुळे विधान भवनाच्या सुरक्षेवर प्रश्नचिन्ह उपस्थित झाले असून, विरोधकांनी गर्दी व्यवस्थापन आणि पास वितरण प्रक्रियेच्या पुनरावलोकनाची मागणी केली आहे.
S,B,Nayani

July 17, 2025

महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में हंगामा: बीजेपी और एनसीपी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, नेताओं ने लगाए आरोप

महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में हंगामा: बीजेपी और एनसीपी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, नेताओं ने लगाए आरोप
मुंबई: गुरुवार को महाराष्ट्र विधान भवन में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडालकर और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसने विधानसभा की गरिमा पर सवाल उठाए। यह घटना विधान भवन की लॉबी में हुई, जहां दोनों पक्षों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे पर मुक्के और लात चलाते देखा गया।

जितेंद्र आव्हाड ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा, “गुंडों को विधानसभा में घुसने दिया गया। मुझे गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी मिली। अगर विधायक विधान भवन में सुरक्षित नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधि होने का क्या मतलब?” उन्होंने दावा किया कि हमलावर उन्हें निशाना बनाने आए थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उनके कार्यकर्ता निशाने पर आ गए।

शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “अगर गुंडे विधानसभा तक पहुंच गए, तो गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।” वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे विधान भवन की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कहा, “ऐसी घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष को इसकी गहन जांच कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”


घटना से एक दिन पहले बुधवार को पडालकर और आव्हाड के बीच विधान भवन के प्रवेश द्वार पर तीखी बहस हुई थी। आव्हाड ने आरोप लगाया था कि पडालकर ने जानबूझकर अपनी कार का दरवाजा जोर से बंद किया, जो उन्हें लगा। इस मुद्दे ने दोनों नेताओं के बीच पहले से चली आ रही तनातनी को और हवा दी।

पडालकर ने घटना पर खेद जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं इसकी निंदा करता हूं और माफी मांगता हूं।” विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले की जांच के लिए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।


इस घटना ने विधान भवन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, जिसके चलते विपक्ष ने भीड़ प्रबंधन और पास वितरण की प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की है।
July 17, 2025

एमनेस्टी इंटरनेशनल: इज़राइल के साथ सहयोग निलंबन से यूरोपीय संघ का इनकार ‘क्रूर विश्वासघात’

एमनेस्टी इंटरनेशनल: इज़राइल के साथ सहयोग निलंबन से यूरोपीय संघ का इनकार ‘क्रूर विश्वासघात’
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इज़राइल के साथ तरजीही व्यापार समझौते को निलंबित न करने के यूरोपीय संघ (ईयू) के फैसले की कड़ी निंदा की है, इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और फिलिस्तीनियों के अधिकारों के प्रति “क्रूर और गैरकानूनी विश्वासघात” करार दिया। एमनेस्टी की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा कि यह फैसला ईयू के लोकतांत्रिक सिद्धांतों, मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है, जो फिलिस्तीनियों के प्रति “नस्लभेदी शासन” को बढ़ावा देता है। मंगलवार को ब्रुसेल्स में हुई ईयू विदेश मंत्रियों की बैठक में इज़राइल के साथ सहयोग समझौते को निलंबित करने या प्रतिबंधों जैसे हथियार प्रतिबंध और वीजा प्रतिबंध पर सहमति नहीं बन पाई। कैलामार्ड ने इसे गाज़ा में इज़राइल के नरसंहार और फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर अवैध कब्जे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का गंवाया गया अवसर बताया, जो ईयू के इतिहास में “शर्मनाक क्षण” के रूप में दर्ज होगा। 2000 में लागू यूरोपीय संघ-इज़राइल एसोसिएशन समझौता दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग का आधार है, लेकिन इसमें मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन अनिवार्य है। गाज़ा और वेस्ट बैंक में इज़राइल की कार्रवाइयों के चलते आयरलैंड, स्पेन, बेल्जियम और स्लोवेनिया जैसे देशों ने इस समझौते की समीक्षा या निलंबन की मांग की थी।
July 17, 2025

साबर डेरी आंदोलन: दूध आपूर्ति बंद, पाउडर उत्पादन ठप, पशुपालकों का विरोध जारी

साबर डेरी आंदोलन: दूध आपूर्ति बंद, पाउडर उत्पादन ठप, पशुपालकों का विरोध जारी
साबरकांठा और अरवल्ली जिले में साबर डेरी के खिलाफ पशुपालकों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है। 9500 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली साबर डेरी में मामूली मूल्य वृद्धि के विरोध में पशुपालकों ने दूध की आपूर्ति बंद कर दी है, जिसके कारण डेरी का पाउडर उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है। आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ झड़प में एक युवक की संदिग्ध मृत्यु हो गई, जिससे पशुपालकों में रोष और बढ़ गया है।

 साबर डेरी ने पिछले वर्ष के समान मूल्य वृद्धि की घोषणा की, लेकिन पशुपालकों की 25% मूल्य वृद्धि और गिरफ्तार किए गए निर्दोष पशुपालकों की रिहाई की मांग के चलते 16 जोन की 400 मंडलियों ने दूध की आपूर्ति रोक दी है। 

हिम्मतनगर जोन की 60 मंडलियों ने डेरी के डायरेक्टर के साथ बैठक में मूल्य वृद्धि और गिरफ्तारी का विरोध किया, जिसमें डायरेक्टर ने सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया। दूध की आपूर्ति में 15 लाख लीटर की कमी आई है, हालांकि डेरी के एम.डी. ने 11 लाख लीटर की आपूर्ति और 15 लाख लीटर के भंडारण की बात कही है। 
आंदोलन के चलते खेड़ब्रह्मा क्षेत्र में पशुपालकों ने दूध सड़कों पर बहाने के बजाय गरीब परिवारों को 500 ग्राम से 2 लीटर तक मुफ्त दूध वितरित किया। इस आंदोलन से गुजरात के दूसरे सबसे बड़े दूध उत्पादक जिले साबरकांठा की डेरी अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है, जहां 1800 मंडलियां बहिष्कार में शामिल हो चुकी हैं।
July 17, 2025

સાબર ડેરી આંદોલનઃ દૂધ સપ્લાય બંધ, પાઉડર ઉત્પાદન ઠપ, પશુપાલકોનો વિરોધ યથાવત

સાબર ડેરી આંદોલનઃ દૂધ સપ્લાય બંધ, પાઉડર ઉત્પાદન ઠપ, પશુપાલકોનો વિરોધ યથાવત
સાબરકાંઠા અને અરવલ્લી જિલ્લામાં સાબર ડેરી સામે પશુપાલકોનું આંદોલન ત્રીજા દિવસે પણ ચાલુ છે. 9500 કરોડનું ટર્નઓવર ધરાવતી સાબર ડેરીમાં નજીવા ભાવફેરના વિરોધમાં પશુપાલકોએ દૂધનો સપ્લાય બંધ કર્યો છે, જેના કારણે ડેરીનું પાઉડર ઉત્પાદન હાલ ઠપ થયું છે. આંદોલન દરમિયાન પોલીસ સાથે ઘર્ષણમાં એક યુવકનું શંકાસ્પદ મોત થયું હતું, જેનાથી પશુપાલકોમાં રોષ વધ્યો છે. 

સાબર ડેરીએ ગત વર્ષની જેમ ભાવફેર આપવાની જાહેરાત કરી, પરંતુ પશુપાલકોની 25% ભાવવધારાની માગણી અને ધરપકડ કરાયેલા નિર્દોષ પશુપાલકોની મુક્તિની શરતે 16 ઝોનની 400 મંડળીઓએ દૂધ ભરવાનું ટાળ્યું છે. હિંમતનગર ઝોનની 60 મંડળીઓએ ડેરીના ડિરેક્ટર સાથે બેઠકમાં ભાવવધારા અને ધરપકડનો વિરોધ કર્યો, જેમાં ડિરેક્ટરે સુખદ ઉકેલની ખાત્રી આપી.
દૂધની આવકમાં 15 લાખ લીટરનો ઘટાડો થયો છે, જોકે ડેરીના એમ.ડી.એ 11 લાખ લીટરની આવક અને 15 લાખ લીટરનો સંગ્રહ હોવાનું જણાવ્યું છે. આંદોલનને લઈને ખેડબ્રહ્મા વિભાગમાં પશુપાલકોએ દૂધ ઢોળવાને બદલે ગરીબ પરિવારોને 500 ગ્રામથી 2 લીટર સુધી મફત દૂધનું વિતરણ કર્યું.

આ આંદોલનથી ગુજરાતના બીજા સૌથી મોટા દૂધ ઉત્પાદક જિલ્લા સાબરકાંઠાની ડેરી અર્થવ્યવસ્થા પર અસર પડી રહી છે, જ્યાં 1800 મંડળીઓ બોયકોટમાં જોડાઈ છે.

July 17, 2025

अमेरिका में भारतीय महिला की गिरफ्तारी, टारगेट स्टोर से 1.1 लाख रुपये के सामान की चोरी का आरोप

अमेरिका में भारतीय महिला की गिरफ्तारी, टारगेट स्टोर से 1.1 लाख रुपये के सामान की चोरी का आरोप
अमेरिका के इलिनॉय में टारगेट स्टोर से 1,300 डॉलर (लगभग 1.1 लाख रुपये) के सामान की चोरी के आरोप में एक भारतीय महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया है। स्टोर के कर्मचारियों को महिला का व्यवहार संदिग्ध लगा, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। यह घटना 1 मई 2025 को हुई, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने भारतीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए चर्चा को हवा दे दी है। पुलिस के अनुसार, महिला ने स्टोर में लगभग सात घंटे बिताए, इस दौरान वह सामान उठाती रही, बार-बार अपना फोन चेक करती रही और बिना किसी स्पष्ट मकसद के स्टोर में इधर-उधर घूमती रही। स्टोर के एक कर्मचारी ने बताया, "हमने इस महिला को सुबह से देखा था। वह सामान उठा रही थी, फोन देख रही थी और गलियारों में घूम रही थी। आखिर में वह बिना भुगतान किए वेस्ट गेट से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी।" इसके बाद स्टोर के कर्मचारियों ने तुरंत पुलिस को बुलाया।

महिला ने की माफी की गुहार

 पकड़े जाने के बाद महिला ने पुलिस से मामले को सुलझाने की कोशिश की। उसने चोरी किए गए सामान का भुगतान करने की पेशकश की और कहा, "मुझे खेद है अगर मैंने किसी को परेशान किया। मैं इस देश की नहीं हूं और मुझे यहां रहना भी नहीं है। मुझे जाने दो।" जवाब में एक महिला पुलिस अधिकारी ने कहा, "क्या भारत में चोरी करना कानूनी है? मुझे नहीं लगता।" पुलिस ने सामान के बिल की समीक्षा करने के बाद उसे हथकड़ी लगाकर पुलिस स्टेशन ले गई। 
https://x.com/LambertTalks/status/1945085962603663862?s=08

कानूनी परिणाम और सोशल मीडिया पर विवाद

महिला पर गंभीर चोरी (फेलोनी) का आरोप लगाया गया है, क्योंकि इलिनॉय कानून के तहत 300 डॉलर से अधिक की चोरी को गंभीर अपराध माना जाता है। हालांकि, अभी तक उसकी औपचारिक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कानूनी कार्रवाई की संभावना है। इस घटना का वीडियो, जो पुलिस के बॉडीकैम में रिकॉर्ड हुआ, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यूट्यूब पर शेयर किए गए वीडियो के कैप्शन में लिखा है, "1 मई 2025 को, एक महिला ने टारगेट स्टोर से हजारों डॉलर का सामान बिना भुगतान किए ले जाने की कोशिश की।"

सोशल मीडिया पर इस घटना ने भारतीय प्रवासियों और पर्यटकों के व्यवहार पर बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने महिला की हरकत को शर्मनाक बताते हुए भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा, "एक प्रवासी के तौर पर हमें अपने देश का सम्मान बनाए रखना चाहिए। यह व्यवहार शर्मनाक है।" वहीं, कुछ यूजर्स ने इसे सांस्कृतिक गलतफहमी का मामला बताया।


अमेरिका में चोरी के गंभीर परिणाम

इस घटना के बाद भारत में अमेरिकी दूतावास ने वीजा नियमों को लेकर चेतावनी जारी की है। दूतावास ने कहा, "अमेरिका में चोरी, हमला या डकैती जैसे अपराध न केवल कानूनी मुसीबत लाते हैं, बल्कि इससे वीजा रद्द हो सकता है और भविष्य में अमेरिका में प्रवेश पर रोक लग सकती है।" हाल ही में टेक्सास में एक भारतीय छात्र पर भी चोरी का आरोप लगा था, जिसके बाद उसे डिपोर्ट किया गया था। चोरी जैसे अपराध वीजा नवीनीकरण, ग्रीन कार्ड आवेदन और यहां तक कि डिपोर्टेशन जैसे गंभीर परिणामों को जन्म दे सकते हैं।

 यह घटना विदेश में भारतीय पर्यटकों और प्रवासियों के लिए एक चेतावनी है कि स्थानीय कानूनों का पालन करना कितना जरूरी है। टारगेट स्टोर ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन यह मामला अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए वीजा नियमों और कानूनी जिम्मेदारियों पर चर्चा को और तेज कर रहा है।
July 17, 2025

યુરોપમાં ગુજરાતી પ્રવાસીઓનો ધસારો, સ્થાનિકોનો વિરોધ: 'ટુરિસ્ટ ગો હોમ'

યુરોપમાં ગુજરાતી પ્રવાસીઓનો ધસારો, સ્થાનિકોનો વિરોધ: 'ટુરિસ્ટ ગો હોમ'
છેલ્લા દસ વર્ષમાં ગુજરાતમાંથી યુરોપ જતા પ્રવાસીઓની સંખ્યામાં નોંધપાત્ર વધારો થયો છે. 2013થી અત્યાર સુધીના આંકડા પ્રમાણે, ભારતમાંથી યુરોપ જતા 8,50,000 પ્રવાસીઓમાંથી લગભગ 3,40,000 એટલે કે 40 ટકા ગુજરાતીઓ છે. ગુજરાતમાં પ્રવાસનને પ્રોત્સાહન આપવા માટે યુરોપના પ્રવાસન સ્થળોનો પ્રચાર-પ્રસાર અને ગુજરાતી ભોજનની વ્યવસ્થા જેવી સુવિધાઓ વધી છે. પરંતુ આ ધસારાને કારણે યુરોપના કેટલાક દેશોમાં સ્થાનિકોમાં અસંતોષ વધ્યો છે, જે 'ઓવર ટુરિઝમ'ના વિરોધમાં 'ટુરિસ્ટ ગો હોમ', 'Your Holidays, My Misery', અને 'Mass Tourism Kills the City' જેવા સૂત્રોચ્ચાર સાથે રસ્તાઓ પર ઉતરી આવ્યા છે. સ્પેન, ઈટલી અને પોર્ટુગલમાં સ્થાનિકોએ વધુ પડતા પ્રવાસીઓથી થતી અગવડતાઓ વિરુદ્ધ વિરોધ નોંધાવ્યો છે. આ દેશોના સ્થાનિક પ્રશાસને વોટર ગનનો ઉપયોગ કરીને પરિસ્થિતિને નિયંત્રણમાં લીધી હતી. કેટલાક શહેરોમાં 'ટુરિસ્ટ ગો હોમ' જેવા લખાણો દ્વારા સ્થાનિકો પોતાનો વિરોધ વ્યક્ત કરી રહ્યા છે. કોવિડ પછીના સમયમાં ઈટલી, સ્પેન અને પોર્ટુગલના જીડીપીનો 6 ટકા હિસ્સો ટુરિઝમ પર આધારિત છે, જેમાં ભારતીય પ્રવાસીઓનો 2 ટકા ફાળો છે, અને આ 2 ટકામાં 40 ટકા ગુજરાતીઓનો સમાવેશ થાય છે. અમદાવાદના એક જાણીતા ટુર ઓપરેટરના જણાવ્યા પ્રમાણે, વધતા ટુરિઝમને કારણે યુરોપમાં મકાનોના ભાવ આસમાને પહોંચ્યા છે, જેની સીધી અસર સ્થાનિક રહેવાસીઓ પર પડી રહી છે. સ્થાનિકોએ ફરિયાદ કરી છે કે પ્રવાસીઓના ધસારાને કારણે રોજિંદી વસ્તુઓ અને ખાસ કરીને રહેઠાણની કિંમતોમાં નોંધપાત્ર વધારો થયો છે. યુરોસ્ટેટના આંકડા પ્રમાણે, ઈટલીમાં વાર્ષિક 45 કરોડ અને પોર્ટુગલમાં 48 કરોડ પ્રવાસીઓ રોકાય છે, જેના કારણે સ્થાનિક મકાનો હોમસ્ટેમાં ફેરવાઈ ગયા છે. આની અસરથી 8000થી વધુ મકાનો ટુરિઝમ માટે ઉપયોગમાં લેવાય છે, જેનો બોજ સ્થાનિકો પર પડે છે. યુરોસ્ટેટના રિપોર્ટ મુજબ, યુરોપના કુલ પ્રવાસીઓમાંથી 93 ટકા ઈટલી, 97 ટકા ફ્રાન્સ અને 89 ટકા બેલ્જિયમની મુલાકાત લે છે, જેના કારણે હાઉસિંગ માર્કેટ પર ભારે દબાણ છે. પ્રવાસીઓમાંથી 33 ટકા હોટલોમાં રોકાય છે, જ્યારે 46 ટકા સ્થાનિક હોમસ્ટેનો ઉપયોગ કરે છે, જે સ્થાનિકો માટે વધારાની સમસ્યા બની રહ્યું છે. 

બીજી તરફ, અરબ દેશોમાં ભારતીયો, ખાસ કરીને ગુજરાતીઓ, રોજગારી મેળવીને ભારતીય અર્થતંત્રને મજબૂત કરી રહ્યા છે. આ વિરોધાભાસ દર્શાવે છે કે જ્યાં ગુજરાતીઓ યુરોપમાં પ્રવાસી તરીકે જઈને સ્થાનિકોની અગવડતામાં વધારો કરે છે, ત્યાં અરબ દેશો તેઓને આર્થિક યોગદાન આપી રહ્યા છે. આ સ્થિતિ ટુરિઝમના હકારાત્મક અને નકારાત્મક બંને પાસાઓને ઉજાગર કરે છે.