Breaking

यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Tuesday, 23 August 2022

रोहिंग्या मुसलमानों को बसाना, भारत सरकार के लिए क्यों बना सिरदर्द?

रोहिंग्या मुसलमानों को बसाना, भारत सरकार के लिए क्यों बना सिरदर्द?
भारत में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने के मुद्दे पर केन्द्र सरकार के दो ममंत्रालय आमने सामने आ गये हैं।

भारत के केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी लेकिन बक्करवाला के स्थानीय लोग रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ उग्र नज़र आए और उन्होंने सरकार को चेतावानी देते हुए कहा कि सरकार अपना वादा भूल रही है और हम कभी भी रोहिंग्या मुसलमानों को यहां बसने नहीं देंगे। 

इसी विषय में एक खबर का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि जिन लोगों ने भारत की शरणार्थी नीति को जानबूझकर सीएए से जोड़ने की अफ़वाह फैलाकर अपना करिअर बनाया, वे निराश होंगे। भारत यूएन शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान और अनुसरण करता है और बिना जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए सभी को शरण देता है।

इसके कुछ समय बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया कि उसने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है। साथ ही मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर ही रखा जाए। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि यह आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ भाजपा और केन्द्र सरकार की साज़िश है। 

गृह मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 40,000 रोहिंग्या रहते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया था कि रोहिंग्या प्रवासी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और केरल में रह रहे हैं। एक रोहिंग्या शरणार्थी ने पत्रकार से बात करते हुए कहा कि हम अपनी ख़ुशी और मर्ज़ी से नहीं आए, कोई भी अपना देश छोड़ना नहीं चाहता, मजबूरी हमें यहां लाई है 

इस बीच, गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण आने से पहले भाजपा नेताओं ने अपने ही मंत्री की बात से असहमति दिखाई। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने पुरी के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा कि कृपया करके रोहिंग्या से पहले कश्मीरी पंडितों और अफ़ग़ानिस्तान से आए हिंदू सिखों को फ्लैट और पुलिस सुरक्षा दिलवा दीजिए। भारतीय जनता पार्टी के नेता अनुराग ठाकुर ने आम आदमी पार्टी की आलोचना करते हुए सवाल किया कि रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति अरविंद केजरीवाल नर्म क्यों हैं? (अनुराग)

इसी तरह दिल्ली भाजपा के नेता अश्विनी उपाध्याय ने पुरी के ट्वीट पर जवाब में लिखा कि घुसपैठ का मूल कारण घूसखोरी है, घुसपैठिये सीमा पर घूस देकर आते हैं. घूस देकर आधार, राशन कार्ड बनवाते हैं, जन्म प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र बनवाते हैं. घूसखोरी रोके बिना घुसपैठ नहीं रुकेगी। विश्व हिंदू परिषद ने भी एक बयान जारी करके कहा कि रोहिंग्या को आवास देने की बजाय देश से बाहर किया जाना चाहिए। (AK)