इस लड़ाई में न तो रूस जीतता दिख रहा है और न ही यूक्रेन की हार होती नजर आ रही है परंतु जो बात बिल्कुल स्पष्ट है वह यह है कि इस युद्ध में दोनों पक्षों की भारी जानी व माली तबाही और नुकसान हो चुका है और उसकी एक बहुत बड़ी वजह कुछ देशों द्वारा यूक्रेन को हथियारों का दिया जाना है।
युद्ध के आरंभ में प्रतीत यह हो रहा था कि रूस जैसी शक्ति के आगे यूक्रेन कुछ ही दिनों में घुटने टेक देगा, लेकिन अमेरिका और नाटो देशों से मिले हथियारों की मदद से उसने रूस को अच्छा काफी नुकसान पहुंचाया है। रूस का दावा है कि नाटो देश यूक्रेन को हथियार मुहैया करवाकर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन की सेना को रक्षा सहयोग के नाम पर प्रशिक्षित किया और कीव को बड़े युद्ध के लिए तैयार किया है।
रूस ने इस युद्ध को विशेष सैन्य अभियान के तौर पर शुरू किया था, उसका मानना था कि यूक्रेन के नाटो में जाने की कोशिशों के चलते पश्चिमी देश पूर्व के और करीब आ रहे हैं। अब रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन को हथियार देने वाले देशों की लिस्ट जारी की है। साथ ही उसने इन देशों पर युद्ध भड़काने का भी आरोप लगाया है। जो देश यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं उनके नाम इस प्रकार हैं।
अमेरिकाः रूस का आरोप है कि अमेरिका ने मार्च से सितंबर, छह महीने तक सैन्य सुधार, अंधेरे में देखने वाले उपकरणों और संचार संबंधित उपकरणों के लिए यूक्रेन को 32 मिलियन डॉलर की मदद की थी। इसके अलावा उसने यूक्रेन को M142 HIMARS रॉकेट सिस्टम, M777 हॉवित्जर, गोला-बारूद, स्ट्रिंगर मिसाइल, हार्पूर मिसाइल, सैनिकों के लिए वर्दी, सैन्य राशन की एक बड़ी खेप सौंपी है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 18 दिसंबर, 2014 में अपने कार्यकाल में 'यूक्रेन फ्रीडम सपोर्ट एक्ट' पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे कांग्रेस से मंजूरी मिली थी। तभी से अमेरिका लगातार यूक्रेन को घातक हथियार मुहैया करा रहा है। 2015 में अमेरिका ने यूक्रेन को 230 Humvee बख्तरबंद वाहन और रेवेन ड्रोन दिए थे।
अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, लिथुआनिया, पोलैंड, चेक गणराज्य, बुल्गारिया, फ्रांस और तुर्किये वे देश हैं जो यूक्रेन की हथियारों से मदद कर रहे हैं। जानकार हल्कों का मानना है कि इन देशों की सैनिक मदद यूक्रेन की तबाही की मूल वजह है। MM