हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में एक ही परिवार के आठ सदस्यों सहित 22 लोगों की मौत हो गई।
भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन, बाढ़ के कारण शनिवार को हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में 31 लोगों की मौत हो गई। मौसम कार्यालय ने रविवार को पश्चिम मध्य प्रदेश में और सोमवार को पूर्वी राजस्थान में अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
उत्तराखंड में लगातार बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 लापता हो गए। कई गांवों से हजारों लोगों को निकाला गया है। नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं और पुल बह गए हैं। उत्तराखंड टिहरी जिले के ग्वाद गांव में मूसलाधार बारिश ने दो घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे सात लोग मलबे में दब गए। टिहरी के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि मलबे से दो शव बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कोठार गांव में मलबे में दबने से दम घुटने पर एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। पौड़ी जिले के बिनाक गांव में एक घर ढह गया जिससे 70 वर्षीय दर्शनी देवी की मौत हो गई।
ओडिशा के उत्तरी हिस्से में शुक्रवार रात भारी बारिश होने के कारण कई नदियों के उफनाने से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. राज्य महानदी नदी प्रणाली में पहले ही बाढ़ की मार झेल रहा है, जहां 500 गांवों में लगभग 4 लाख लोग फंसे हुए हैं. ओडिशा जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बी. के. मिश्रा ने शनिवार को कहा कि बालासोर, क्योंझर और मयूरभंज में बीती रात भारी बारिश हुई है, जिसके बाद सुवर्णरेखा, बुधबलंग, वैतरणी और सालंदी में जल स्तर पर नजर रखी जा रही है।
झारखंड में शुक्रवार की शाम से तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। इससे सैकड़ों पेड़ एवं बिजली के खंभे उखड़ गये हैं जबकि कई जिलों में निचले इलाके जलमग्न हो गये हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम सिंहभूम जिले में शनिवार की सुबह मिट्टी की दीवार गिरने की घटना में एक महिला की मौत हो गयी।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी यात्रा शनिवार की सुबह फिर से शुरू हो गई, जब तीर्थयात्रा मार्ग पर भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। MM