तालेबान ने स्वीकार कर लिया है कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर हमारे और पश्चिम के मानदंड बिल्कुल अलग हैं।
तालेबान ने यह बात मान ली है कि लड़कियों की पढ़ाई के बारे में हमारे और यूरोप के बीच मूलभूत मतभेद पाए जाते हैं। यह बयान क़तर में तालेबान के राजनीतिक कार्यालय की ओर से जारी किया गया है।
तसनीम समाचार एजेन्सी के अनुसार क़तर की राजधानी दोहा में तालेबान के राजनैतिक कार्यालय के प्रमुख सुहैल शाहीन ने बुधवार को कहा है कि लड़कियों की पढ़ाई के विषय को इस्लामी शिक्षाओं के आधार पर हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस्लामी शिक्षाओं के हिसाब से लड़कियों की पढ़ाई के विषय पर बात करेंगे।
तालेबान के अनुसार इस संबन्ध में विश्व समुदाय की शर्तों को हम स्वीकार नहीं करते। सुहैल शाहीन कहते हैं कि महिलाओं के काम को लेकर भी हमारी यही नीति है।
उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ हाल में जो वार्ता हुई है उससे यह लगता है कि वे लोग धीरे-धीरे अफ़ग़ानिस्तान की वास्वतिकता को स्वीकार कर लेंगे। सुहैल शाहीन का कहना था कि विश्व समुदाय को चाहिए कि वह अफ़ग़ानिस्तान पर दबाव डालने के बजाए सहयोग के मार्ग को अपनाए।
ज्ञात रहे कि अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता को अपने हाथों में दोबारा लेने के बाद से तालेबान इस देश में लड़कियों की पढ़ाई और महिलाओं के काम जैसे विषयों पर जो नीति अपनाए हुए हैं उसका विरोध विश्व समुदाय कर रहा है।