उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)
केंद्रीय चुनाव आयोग (केचुआ) ने यूपी, केरल और पंजाब में उपचुनाव की तारीख़ को आगे बढ़ा दिया है. आयोग के इस क़दम के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में गरमी आ गई है.
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि इससे बीजेपी को फ़ायदा मिलेगा, हालांकि चुनाव आयोग की दलील है कि ऐसा त्योहारों के मद्देनज़र किया गया है.
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर अब 20 नवंबर को उपचुनाव होंगे. नई तारीख़ के ऐलान के बाद विपक्षी समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी को हार का डर है.
प्रदेश की नौ सीट मैनपुरी की करहल, अंबेडकर नगर की कटेहरी, मुज़फ्फरनगर की मीरापुर, अलीगढ़ की खैर, इलाहाबाद की फूलपुर, कानपुर की सीसामऊ, मिर्ज़ापुर की मंझवा, मुरादाबाद की कुंदरकी और गाज़ियाबाद की सीट पर उपचुनाव होने हैं.
पहले इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होने वाले थे, लेकिन चुनाव आयोग ने अपने बयान में बताया कि बीजेपी, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी के अनुरोध पर चुनाव की तारीख़ों को आगे बढ़ाया जा रहा है.
हालांकि कांग्रेस यूपी में चुनाव से बाहर है लेकिन चुनाव आयोग ने बताया कि पंजाब में कांग्रेस के अनुरोध पर चुनाव की तारीख़ को आगे बढ़ाया गया है.
कांग्रेस के मीडिया सेल के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने कहा कि, "चुनाव आयोग को पहले से पता था कि आगे त्योहार हैं लेकिन नामांकन के बाद और प्रचार शुरू होने के बाद टालने का क्या औचित्य है?"
हिंदवी ने आरोप लगाया कि बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. कांग्रेस इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन कर रही है.
बीजेपी को लगता है कि उसका मतदाता उपचुनाव के दिन न रहे तो पार्टी को नुक़सान हो सकता है.
लिहाज़ा, चुनाव की तिथि आगे बढ़ने से बीजेपी को फ़ायदा मिलने की उम्मीद है.
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी चुनाव हारने के डर से ऐसा कर रही है.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ये बीजेपी की पुरानी चाल है. पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाक़ी सीटों के उपचुनाव की तारीख़, भाजपा इतनी कमज़ोर कभी न थी.
अखिलेश के मुताबिक 'यूपी में महा-बेरोज़गारी’ की वजह से जो लोग पूरे देश में काम की तलाश और रोज़गार के लिए जाते हैं, वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर उत्तर प्रदेश आए हुए हैं. और उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट डालने वाले थे.’
उन्होंने लिखा, ‘जैसे ही भाजपा को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया, जिससे लोगों की छुट्टी ख़त्म हो जाए और वो बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं’