राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ज़ायोनी सरकार ने बैरूत के दक्षिण में ज़ाहिया के निकट दो मोहल्लों ज़ग़रता और एनुद्दलब पर हमला किया है और इस हमले का लक्ष्य बेघर हो जाने वाले शिया मुसलमानों, ईसाईयों और दुरूज़ियों के मध्य फ़ूट डालना है।
ज़ायोनी सरकार ने इसाईयों के जिन दो मोहल्लों पर हमला किया इस समय वहां बेघर होने वाले शिया मुसलमानों ने शरण ले रखी है और ज़ायोनी सरकार ने जिन मकानों पर हमला किया है वे पूरी तरह ध्वस्त हो गये हैं।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी सरकार का यह हमला ऐसी स्थिति में हुआ है कि आलोचकों के कथनानुसार बैरूत में अमेरिकी राजदूत लीज़ा जा᳴नसन लेबनान में क़ौमों और क़बीलों के मध्य फ़ूट डालने के लिए सक्रिय हो गयी हैं और ज़ायोनी सरकार की सहायता के लिए वह बैरूत में शिया- ईसाई और या शिया- दुरूज़ी समाजों में फ़ूट डालने में व्यस्त हो गयी हैं।
लेबनान के राजनीतिक विश्लेषक नबील अव्वाज़ा ने इस बारे में कहा कि ईसाई, दुरूज़ और दूसरे विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर ज़ाहिया के निकट व उससे संबंधित क्षेत्रों पर इस्राईल का हमला ऐसी स्थिति में हुआ है जब हिज़्बुल्लाह का कोई भी दफ़्तर या ठिकाना वहां पर नहीं है और स्पष्ट है कि इस्राईल प्रतिरोध के ख़िलाफ़ सामाजिक रोष उत्पन्न करने की चेष्टा में है।
एक अन्य लेबनानी विशेषज्ञ अली मुराद भी कहते हैं कि ज़ायोनी दुश्मन उस वक़्त उन क्षेत्रों पर हमला और बमबारी करता है जब आम नागरिक वहां आकर शरण लेते हैं और इससे उसका लक्ष्य मानसिक युद्ध आरंभ करना है।
ज़ायोनी सैनिकों ने 23 सितंबर 2024 से दक्षिणी लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर हमला किया है जो अब तक जारी है। इन हमलों में अब तक लेबनान के दो हज़ार से अधिक नागरिक शहीद जबकि कई हज़ार घायल भी हो चुके हैं। MM