इसराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के क़रीब 15 महीनों बाद रविवार को आख़िरकार ग़ज़ा में युद्धविराम की शुरुआत हो गई है.
इसका मतलब है कि इसराइल और हमास के बीच जंग रुक जाएगी. इसराइली जेलों में बंद फ़लस्तीनी कैदियों के बदले में हमास के बंधक बनाए गए इसराइली नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से आज़ाद किया जाएगा.
युद्धविराम के बारे में सात अहम बातें जो जानना ज़रूरी है-
युद्धविराम स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 15 मिनट पर (09:15 जीएमटी) शुरू हुआ. ये तय वक्त से तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ.युद्धविराम शुरू होने से ठीक पहले इसराइल ने कहा कि वह तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक कि हमास उन बंधकों के नामों की सूची नहीं दे देता जिन्हें वो सबसे पहले आज़ाद करेगा.हमास ने देरी के लिए "तकनीकी कारणों" को ज़िम्मेदार ठहराया. बाद में उसने तीन लोगों के नाम जारी किए जिनके बारे में उसका कहना था कि उन्हें सबसे पहले आज़ाद किया जाएगा.युद्धविराम में हो रही देरी के दौरान ग़ज़ा में इसराइली हवाई हमले जारी रहे. हमास संचालित सिविल डिफ़ेंस एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक़ इन हमलों में कम से कम 19 लोग मारे गए.फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं है कि रविवार सुबह की देरी से इसराइली बंधकों और फ़लस्तीनी कैदियों की पहली अदला-बदली के समय पर क्या प्रभाव पड़ेगा. ये अदला-बदली स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे (14:00 जीएमटी) होना था.राहत सामग्री से लदे हज़ारों ट्रक ग़ज़ा में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. युद्धविराम समझौते की शर्त के अनुसार ग़ज़ा में ज़रूरी मदद पहुंचाना मानवीय राहत के काम में लगी एजेंसियों की एक मुख्य मांग है.
इस बीच युद्धविराम पर नाराज़गी जताते हुए इसराइली सरकार में रक्षा मंत्री और धुर दक्षिणपंथी पार्टी के प्रमुख इतेमार बेन ग्वीर ने इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि ये युद्धविराम "हमास की जीत" है.