क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन की वित्तीय सहायता बढ़ाने के विषय पर लंदन बैठक आयोजित करने का उद्देश्य युद्ध जारी रखने का यूरोप का प्रयास है।
रविवार 2 मार्च, 2025 को यूरोपीय देशों के प्रमुखों की उपस्थिति में यूक्रेन में शांति पर चर्चा के लिए लंदन में एक बैठक आयोजित की गई और यह अस्थायी युद्धविराम स्थापित करने की ब्रिटिश और फ्रांसीसी योजना को पेश किए जाने के साथ ख़त्म हुई।
पार्सटुडे के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को कहा: लंदन बैठक में यूरोपीय नेताओं का समझौता शांति हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि युद्ध जारी रखने के लिए था। उन्होंने कहा: वर्तमान समय में, यूक्रेन में संघर्ष के मुद्दे को हल करने के लिए किसी रचनात्मक पहल की आवश्यकता है। पेस्कोव ने कहा कि अगर वे यूक्रेनी राष्ट्रपति विलोदीमीर ज़ेलेंस्की को बातचीत के लिए मना सकते हैं तो यूरोपीय लोगों को बधाई।
इंग्लैंड: यूक्रेन की शांति में अमेरिका की भूमिका अहम है
दूसरी ओर, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को यूक्रेन में युद्ध के भविष्य पर एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने और इस महाद्वीप की सुरक्षा सुनिश्चित करने में यूरोप की भूमिका पर जोर देने के बाद, अमेरिका और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों के बीच सार्वजनिक असहमति को चिंताजनक बताया और कहा कि वाशिंगटन के दृढ़ समर्थन के बिना यूक्रेन में स्थायी शांति हासिल नहीं की जा सकेगी।
मेदवेदेव: लंदन बैठक एक "रसोफ़ोबिक बैठक" थी
इस बीच, रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपप्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने लंदन में यूरोपीय नेताओं की अनौपचारिक बैठक को "रसोफ़ोबिक सभा" क़रार दिया है। मेदवेदेव ने कहा, "ट्रम्प विरोधी रसोफोब, कीव में नाज़ी बौने से अपनी वफादारी दिखाने के लिए लंदन में एकत्र हुए... वे यूक्रेन के आख़िरी सैनिक तक लड़ना चाहते हैं।
रूसी अधिकारी: लंदन बैठक से ज़ेलेंस्की की प्रतिष्ठा बहाल नहीं होगी
स्टेट ड्यूमा की अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रमुख लियोनिद स्लटस्की ने हाल ही में कहा था कि वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प से बातचीत के बाद लंदन की बैठक यूक्रेनी राष्ट्रपति विलोदीमीर ज़ेलेंस्की की खोई हुई प्रतिष्ठा को बहाल नहीं कर सकेगी। इस रूसी अधिकारी ने बताया कि लंदन शिखर सम्मेलन, यूक्रेन के नाज़ियों के नेता को नहीं बचाएगा। नतीजा शून्य है।
हंगरी: लंदन बैठक के नतीजे ख़तरनाक हैं
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने पिछले सप्ताह लंदन में आयोजित यूरोपीय नेताओं की बैठक को ख़तरनाक क़रार दिया और कहा कि उन्होंने यूक्रेन में युद्ध जारी रखने का फैसला किया और देश पर ऐसा करने के लिए दबाव डाला। ओर्बन ने कहा, लंदन में यूरोपीय नेताओं ने शांति चुनने के बजाय युद्ध जारी रखने का फैसला किया। यह बहुत बुरा, ख़तरनाक और ग़लत है। (AK)