फ़िलिस्तीन के इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) के एक सीनियर नेता का कहना है कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन घेराबंदी और भुखमरी जैसी आपराधिक कार्रवाइयों के साथ फ़िलिस्तीनियों से फिरौती लेता है। उनका कहना था: प्रतिरोध के हथियारों पर बातचीत और समझौता नहीं किया जा सकता है और ज़ायोनी क़ैदियों को केवल एक समझौते के तहत ही रिहा किया जाता है।
ज़ायोनी शासन ने युद्धविराम और अपने कैदियों की रिहाई के मामले में हमास को ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से, युद्ध रोकने की कोई गारंटी दिए बिना ही, ग़ज़ापट्टी में नागरिकों के खिलाफ एक नई आपराधिक कार्रवाई अंजाम दी और सभी क्रॉसिंग बंद कर दी है और मानवीय सहायता को इस क्षेत्र में दाख़िल होने से रोक दिया है। हमास के एक नेता सामी अबू ज़ोहरी ने घोषणा की कि ज़ायोनियों के कार्य युद्ध अपराध हैं।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अबू ज़ोहरी ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया: प्रतिरोध का हथियार हमारी रेड लाइन है और किसी भी बातचीत या वार्ता में इस पर चर्चा नहीं की जा सकती है।
10 दिनों के भीतर ग़ज़ा पर ज़ायोनी हमले फिर से शुरू
इस बारे में ज़ायोनी शासन के चैनल 12 ने मंगलवार को बताया कि अगर क़ैदियों की रिहाई के लिए हमास आंदोलन के साथ कोई समझौता नहीं हुआ तो इज़राइल 10 दिनों में ग़ज़ापट्टी के खिलाफ हमले फिर से शुरू कर देगा।
हमास: हम विदेशी शक्तियों को ग़ज़ा के प्रशासन में हस्तक्षेप की इजाज़त नहीं देंगे
ज़ायोनी शासन की धमकी के साए में फ़िलिस्तीन के इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) के प्रवक्ता हाज़िम क़ासिम ने मंगलवार को एक बयान में घोषणा की कि ग़ज़ा के भविष्य के लिए कोई भी योजना एक राष्ट्रीय समझौते के माध्यम से बनाई जानी चाहिए और यह आंदोलन किसी भी विदेशी शक्ति को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देगा।
यह बयान ऐसी स्थिति में सामने आया है कि जब कल मंगलवार को मिस्र में अरब देशों के प्रमुखों की आपातकालीन बैठक हुई जिसे "फिलिस्तीनी शिखर सम्मेलन" का नाम दिया गया। इस बैठक अरब देशों के प्रमुखों ने फिलिस्तीनियों के जबरन प्रवास के विरोध और ग़ज़ापट्टी के पुनर्निर्माण और एक प्रशासन के तहत ग़ज़ा और वेस्ट बैंक के संरक्षण के समर्थन पर ज़ोर दिया।
अरब शिखर सम्मेलन के फैसले आगे की चुनौतियों का जवाब नहीं दे सकते: फिलिस्तीन का जेहादे इस्लामी आंदोलन
इस संदर्भ में, फ़िलिस्तीन के इस्लामी जिहाद ने क़ाहिरा में अरब राष्ट्राध्यक्षों की आपातकालीन बैठक के घोषणापत्र को सकारात्मक क़रार दिया लेकिन साथ ही इस बात पर ज़ोर दिया कि ये निर्णय उन चुनौतियों का जवाब नहीं देते हैं जो ज़ायोनी शासन और अमेरिका ने फ़िलिस्तीनी जनता और अरब देशों पर थोपी हैं।
ग़ज़ा में शहीदों की संख्या में वृद्धि
जैसे ही ग़ज़ापट्टी के विभिन्न क्षेत्रों में अन्य कई शहीदों के शव मलबे से निकाले गए, 7 अक्टूबर, 2023 से इस क्षेत्र में अतिग्रहणकारी शासन के हमलों की वजह से शहीदों की संख्या बढ़कर 48 हजार 405 हो गई है।
पिछले 24 घंटों में 7 शहीदों के शव मलबे से निकाले गए और ग़ज़ा पर अतिग्रहणकारियों के हमले के कारण लगी चोटों की वजह से एक और फ़िलिस्तीनी भी शहीद हो गया जबकि इस दौरान 11 घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया।
वेस्ट बैंक में शहादतप्रेमी कार्यवाही
उधर एक फ़िलिस्तीनी नागिरक ने जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट के उत्तर में एक सुरक्षा चौकी पर हमला कर दिया और इज़रायली सेना के सैनिकों ने उसे शहीद कर दिया। हमास ने इस शहादत प्रेमी ऑपरेशन की प्रशंसा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि फ़िलिस्तीनी क्रांतिकारी युवाओं के दिलों में प्रतिरोध की भावना ज़िंदा है। (AK)