राष्ट्रसंघ के महासचिव ने कहा है कि समूची ग़ज़ा में मानवीय स्थिति से कल्पना से परे विषम और बदतर हो गयी है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में मध्यपूर्व की स्थिति के बारे में कहा कि मध्यपूर्व हिंसा और अस्थिरता के कारण बुनियादी परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है, लगभग दो महीने से इस्राईल ने भोजन, ईंधन,दवा और आवश्यक वस्तुओं को रोक दिया है और दो मिलियन से अधिक फ़िलिस्तीनी लोगों को ग़ाज़ा में आवश्यक व ज़रूरी सहायता से वंचित कर दिया है।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार गुटेरस ने कहा कि मध्यपूर्व के लोग एक बेहतर भविष्य के हक़दार हैं न कि अंतहीन संघर्ष और पीड़ा के।
राष्ट्रसंघ के महासचिव ने कहा कि ग़ज़ा पट्टी की अनवरत लड़ाई और विनाश ने इस पट्टी के लोगों का परिवेष्टन छोटे से छोटे वातावरण व क्षेत्र में कर दिया है और वे ज़रूरी सहायतों से वंचित हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि ग़ज़ा पट्टी के लोगों की अमानवीय परिस्थिति इस क्षेत्र के लोगों पर थोप दी गयी है और इस क्षेत्र के लोगों पर बारमबार हमला किया गया है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने बल देकर कहा कि ग़ज़ा भविष्य में होने वाले फ़िलिस्तीनी देश का अटूट अंग है और उसे उसमें रहना चाहिये और सुरक्षा परिषद ने भी अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के परिप्रेक्ष्य में हर उस प्रयास को रद्द कर दिया है जिसे ग़ज़ा को फ़िलिस्तीन से अलग करने के लिए अंजाम दिया जाये।
ज्ञात रहे कि ज़ायोनी सरकार ने अमेरिका के पूर्ण समर्थन से सात अक्तूबर 2023 से 19 जनवरी 2025 तक ग़ज़ावासियों के ख़िलाफ़ युद्ध और विनाशकारी कार्यवाहियों को थोपा और अब तक बहुत अधिक जानी व माली नुकसान हो चुका है परंतु ज़ायोनी सरकार अपने घोषित लक्ष्यों में से किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी है यानी न तो वह हमास को ख़त्म कर सकी और न ही हमास के नियंत्रण से अपने बंदियों को रिहा कर सकी।
19 जनवरी 2025 को ज़ायोनी सरकार और हमास के बीच एक समझौता हुआ था परंतु ज़ायोनी सरकार ने मंगलवार 18 मार्च से युद्ध विराम के अनुच्छेदों का उल्लंघन करना आरंभ कर दिया है जो अब तक जारी हैं जिसकी वजह से फ़िलिस्तीन के मज़लूम लोगों और बच्चों और महिलाओं के ख़िलाफ़ ज़ायोनी सरकार के अपराधों को बंद कराने हेतु विभिन्न देशों के प्रयास नाकाम हो गये हैं। MM