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Monday, 30 June 2025

कोलकाता लॉ कॉलेज बलात्कार मामला: बीजेपी की जांच टीम सक्रिय, तृणमूल पर आरोप

कोलकाता लॉ कॉलेज बलात्कार मामला: बीजेपी की जांच टीम सक्रिय, तृणमूल पर आरोप
                      सांकेतिक तस्वीर 
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सालउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है, और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विपक्ष के निशाने पर आ गई है। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो मौजूदा छात्र, एक पूर्व छात्र और कॉलेज का एक सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। मुख्य अभियुक्त मनोजीत मिश्रा, जो तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के दक्षिण कोलकाता जिला इकाई का महासचिव है, के साथ दो अन्य छात्र, जैब अहमद (19) और प्रमीत मुखर्जी (20) को भी गिरफ्तार किया गया है। पीड़िता की शिकायत के अनुसार, 25 जून को कॉलेज परिसर में रात 7:30 से 10:50 बजे के बीच यह जघन्य अपराध हुआ। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई है, जिसमें जबरन प्रवेश, काटने के निशान और खरोंच के सबूत मिले हैं।

 इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने टीएमसी पर हमला बोलते हुए दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं असुरक्षित हैं। बीजेपी ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय 'फैक्ट फाइंडिंग टीम' गठित की है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, सांसद बिप्लब कुमार देब और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं। यह टीम सोमवार सुबह कोलकाता पहुंची, लेकिन उन्हें कॉलेज परिसर और मुख्य सचिव से मिलने की अनुमति नहीं मिली। टीम अपनी जांच के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को रिपोर्ट सौंपेगी।

 विपक्षी नेता सुवendu अधिकारी ने कोलकाता पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर अभियुक्त मिश्रा की तृणमूल नेताओं, विशेष रूप से अभिषेक बनर्जी के साथ तस्वीरें साझा कर टीएमसी पर निशाना साधा

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना की निंदा की है और अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। टीएमसी ने दावा किया कि मिश्रा का पार्टी से कोई महत्वपूर्ण संबंध नहीं था और उन्होंने इस मामले को राजनीतिक रंग देने के बीजेपी के प्रयासों की आलोचना की। राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा कि पुलिस ने शिकायत के 12 घंटे के भीतर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।

 राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर समयबद्ध जांच की मांग की है। एनसीडब्ल्यू की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कॉलेज का दौरा किया और आरोप लगाया कि पुलिस पूरी तरह सहयोग नहीं कर रही है।

 यह घटना पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई बलात्कार और हत्या की घटना की याद दिलाती है, जिसके बाद राज्य में व्यापक प्रदर्शन हुए थे। कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में इस मामले के खिलाफ मशाल रैलियां निकाली गईं, जिनमें बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

 पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्रशासन से इस मामले पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए गवर्निंग बॉडी की बैठक बुलाने को कहा है।

 यह मामला न केवल शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करता है, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था और राजनीतिक जवाबदेही पर भी गहरी बहस छेड़ रहा है।