Breaking

यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Thursday, 10 July 2025

दिल्ली दंगा 2020: 8 अभियुक्तों की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

दिल्ली दंगा 2020: 8 अभियुक्तों की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े साजिश मामले में आठ अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इन अभियुक्तों में शरजील इमाम, उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा, खालिद सैफी, सलीम खान, शिफा उर-रहमान, अतहर खान और मीरान हैदर शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान साजिश रचकर फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे भड़काए। अभियुक्तों का तर्क है कि वे कई वर्षों से जेल में हैं और मुकदमे की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। उन्होंने मुकदमे में देरी को आधार बनाकर जमानत की मांग की है। साथ ही, उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि इस मामले में अन्य अभियुक्तों जैसे देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को पहले ही जमानत मिल चुकी है। दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कोर्ट में कहा कि 2020 के दिल्ली दंगे कोई साधारण दंगे नहीं थे, बल्कि यह भारत की संप्रभुता पर हमला था। मेहता ने दावा किया कि इन दंगों का मकसद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को खराब करना था। उन्होंने शरजील इमाम के भाषणों और उमर खालिद व गुलफिशा फातिमा के खिलाफ गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए इसे सुनियोजित साजिश बताया। मेहता ने कहा, "लंबी जेल अवधि जमानत का आधार हो सकती है, लेकिन तब नहीं जब कोई देश की राजधानी में हिंसा भड़काने की कोशिश करे।" दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस मामले में कुल 20 लोग अभियुक्त हैं, जिनमें से 6 को जमानत मिल चुकी है, 12 जेल में हैं, और 2 फरार हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है, जिसके जल्द ही आने की उम्मीद है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।