बिहार के पूर्णिया जिले में अंधविश्वास की वजह से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड में रविवार देर रात एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। ग्रामीणों को शक था कि बाबूलाल उरांव की पत्नी सीता देवी डायन है, जिसके चलते इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया। इस घटना ने न केवल इलाके में सनसनी फैला दी, बल्कि समाज में अंधविश्वास की गहरी जड़ों को भी उजागर किया।
क्या हुआ उस रात? बताया ऐक मात्र जीवित सोनु ने
जानकारी के मुताबिक, टेटगामा वार्ड में रहने वाले बाबूलाल उरांव के परिवार पर कुछ ग्रामीणों को डायन होने का शक था। यह शक तब और बढ़ गया जब गांव में हाल ही में एक बच्चे की झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई और एक अन्य बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों ने इन घटनाओं का दोष सीता देवी पर मढ़ा। रविवार रात करीब 250 लोगों की भीड़ ने बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां कातो मसोमात, बेटे मनजीत उरांव और बहू रानी देवी पर हमला कर दिया। भीड़ ने पहले परिवार को बेरहमी से पीटा और फिर उन्हें जिंदा जला दिया। हत्या के बाद शवों को जलकुंभी के बीच तालाब में छिपा दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही पूर्णिया की पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत, एसडीपीओ पंकज कुमार Nieuw शर्मा और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू करते हुए दो आरोपियों, गांव के मुखिया नकुल उरांव और एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अंधविश्वास और पुरानी रंजिश इस हत्याकांड की मुख्य वजह हो सकती है।
अंधविश्वास का दंश
यह घटना एक बार फिर समाज में व्याप्त अंधविश्वास और जागरूकता की कमी को उजागर करती है। डायन-बिसाही जैसे कुप्रथाओं के कारण पहले भी कई निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा और जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती पेश की है कि ऐसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
पुलिस ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है और मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि अंधविश्वास और अज्ञानता कितने खतरनाक परिणाम ला सकते हैं।