Breaking

यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Wednesday, 2 July 2025

अरब विश्लेषक का दावा- नेतन्याहू और ट्रम्प के झूठ बेनकाब, ईरान की जीत की गवाही देती हैं तबाही की तस्वीरें

अरब विश्लेषक का दावा- नेतन्याहू और ट्रम्प के झूठ बेनकाब, ईरान की जीत की गवाही देती हैं तबाही की तस्वीरें
प्रख्यात क्षेत्रीय रणनीतिक विश्लेषक अब्दुलबारी अत्वान ने मेहर न्यूज एजेंसी के हवाले से पार्स टुडे द्वारा प्रकाशित एक लेख में दावा किया है कि 12 दिवसीय इज़राइल-ईरान युद्ध में ईरान ने न केवल तेल अवीव को भारी नुकसान पहुंचाया, बल्कि ज़ायोनी युद्ध के लक्ष्यों को भी विफल कर दिया। अत्वान ने अपने 40 वर्षों के पत्रकारिता अनुभव का हवाला देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को "झूठा, फेकने वाला और बकवासी" करार दिया, जिनका व्यवहार 'मुक्त विश्व के नेता' के दावेदार राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष के योग्य नहीं है। अत्वान ने ट्रम्प के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ट्रम्प ने ईरान पर प्रतिबंध हटाने और देश की स्थिति सुधारने की बात कही थी, लेकिन युद्ध समाप्त होने के मात्र दो दिन बाद ईरान के सर्वोच्च नेता ने स्पष्ट किया कि ईरान ने इस युद्ध में विजय प्राप्त की और वह आत्मरक्षा में दुश्मनों का मुकाबला जारी रखेगा, कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। 

महत्वपूर्ण बिंदु:

ट्रम्प का प्रतिबंध हटाने का दावा अमेरिकी कांग्रेस की स्वीकृति पर निर्भर था, जो युद्ध के दौरान असंभव था। - ईरान ने न तो आत्मसमर्पण किया और न ही अमेरिकी शर्तों को स्वीकार किया। - ईरान ने रूस, चीन, उत्तर कोरिया या क्षेत्रीय सहयोगियों से कोई सहायता नहीं मांगी, जबकि इज़राइल ने तुरंत अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की। 

ईरान की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन:

ईरान ने "फतह", "सजील" और "ख़ैबर" जैसी हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों से तेल अवीव, हइफ़ा, अशदूद, अश्कलॉन और बेअर शबा जैसे शहरों पर हमले किए, जो अमेरिका-इज़राइल की सात-परत वायु रक्षा प्रणाली को भेदने में सक्षम रहे। अत्वान के अनुसार, ईरान ने युद्धविराम का अनुरोध नहीं किया और अपनी स्वावलंबी रणनीति के साथ लगातार हमले जारी रखे। 

रणनीतिक परिणाम:

 अत्वान का मानना है कि इस युद्ध ने क्षेत्रीय शक्ति समीकरणों को बदल दिया है। मध्य पूर्व अब एक बड़े परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है, जो ट्रम्प और नेतन्याहू की इच्छाओं के बजाय ग़ाज़ा से ईरान तक के लोगों की मांगों पर आधारित होगा। ईरान ने न केवल सैन्य और तकनीकी रूप से अपनी स्वावलंबिता साबित की, बल्कि पश्चिम एशिया में अमेरिकी-इज़राइली वर्चस्व के खिलाफ एक नए युग की नींव रखी। 

निष्कर्ष:
 अब्दुलबारी अत्वान के विश्लेषण के अनुसार, ईरान ने इस युद्ध में सैन्य, राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से अमेरिकी दबाव को विफल कर दिया। तबाही की तस्वीरें और इज़राइल को हुआ नुकसान इस बात का सबूत हैं कि ईरान ने न केवल युद्ध में जीत हासिल की, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया।