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Saturday, 12 July 2025

"युद्ध का नया युग: ईरान-इजरायल संघर्ष ने खत्म किया फाइटर जेट का दौर, ईरान निर्मित ड्रोन और मिसाइलों का वर्चस्व"

"युद्ध का नया युग: ईरान-इजरायल संघर्ष ने खत्म किया फाइटर जेट का दौर, ईरान निर्मित ड्रोन और मिसाइलों का वर्चस्व"
कीव/तेहरान: रूस-यूक्रेन और ईरान-इजरायल के बीच हाल के संघर्षों ने युद्ध की रणनीति को पूरी तरह बदल दिया है। फाइटर जेट का युग अब लगभग समाप्त हो रहा है, और आधुनिक ड्रोन व मिसाइलों का नया दौर शुरू हो चुका है। ईरान के 'शाहेद' ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों ने अपनी सटीकता और घातक क्षमता से पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है, जिसके चलते युद्ध उपकरणों की खरीद में ड्रोन और मिसाइलों के प्रति उत्साह बढ़ा है। 
          ड्रोन की ताकत और ईरान की तकनीक

 11 जुलाई 2025 की रात को रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें 597 ड्रोन और 26 क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ। इनमें से अधिकांश ड्रोन ईरान निर्मित 'शाहेद' ड्रोन थे। इन ड्रोनों की कम कीमत, लंबी रेंज और सटीक निशाना लगाने की क्षमता ने युद्ध के मैदान में नया इतिहास रच दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को "आतंकवादी" करार देते हुए रूस और उसे ड्रोन सप्लाई करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। 
   ईरान-इजरायल संघर्ष में भी ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने 23 जून 2025 को कतर में स्थित अमेरिकी अल उदैद एयरबेस को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया। सैटेलाइट तस्वीरों में बेस का एंटीना कोर और आसपास की इमारतें पूरी तरह नष्ट दिखाई दीं। इस हमले में ईरान की मिसाइलों की सटीकता ने वैश्विक सैन्य विशेषज्ञों को हैरान कर दिया। 
            फाइटर जेट का घटता महत्व 

आधुनिक युद्धों में ड्रोन और मिसाइलों की बढ़ती भूमिका ने फाइटर जेट के पारंपरिक महत्व को चुनौती दी है। फाइटर जेट की ऊंची कीमत, रखरखाव का खर्च और मानवीय जोखिम की तुलना में ड्रोन सस्ते, तेज और कम जोखिम वाले साबित हुए हैं। ईरान के 'शाहेद' ड्रोन की कीमत लगभग 20,000 डॉलर है, जबकि एक फाइटर जेट की लागत करोड़ों डॉलर में होती है। इस वजह से कई देश अब ड्रोन तकनीक में निवेश बढ़ा रहे हैं। 

खरीद में बढ़ता रुझान

ईरान के ड्रोन और मिसाइलों की सफलता ने वैश्विक बाजार में उनकी मांग को बढ़ा दिया है। रूस, चीन और अन्य देश ईरान की तकनीक खरीदने के लिए उत्सुक हैं। ईरान की हथियार निर्यात एजेंसी ने बताया कि उनके ड्रोन की मांग में 40% की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, पश्चिमी देश ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि उसकी हथियार निर्यात को रोका जा सके। 

युद्ध का भविष्य

 विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन और मिसाइलों की बढ़ती भूमिका युद्ध की रणनीति को पूरी तरह बदल देगी। फाइटर जेट बनाने वाली कंपनियां जैसे बोइंग, लॉकहीड मार्टिन और डसॉल्ट एविएशन अब ड्रोन तकनीक में निवेश बढ़ा रही हैं। ईरान की अगुवाई ने ड्रोन युद्ध की नई संभावनाएं खोल दी हैं, जिससे वैश्विक सैन्य बाजार में एक नया ट्रेंड शुरू हुआ है। यह नया युग युद्ध की तकनीकों और रणनीतियों में क्रांति लाएगा, लेकिन इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और नैतिक मुद्दों पर नई बहसें भी शुरू होंगी।