चेन्नई: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने शुक्रवार को आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रकाश डालते हुए विदेशी मीडिया की भ्रामक रिपोर्टिंग की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ और चुनौती दी कि कोई एक तस्वीर दिखाए जिसमें भारत को नुकसान हुआ हो। डोभाल ने कहा, "विदेशी मीडिया ने दावा किया कि पाकिस्तान ने ऐसा-वैसा किया। मैं चुनौती देता हूं, मुझे एक भी तस्वीर दिखाइए जिसमें भारत को कोई नुकसान हुआ हो, यहां तक कि एक कांच का शीशा भी टूटा हो।" उन्होंने ऑपरेशन की सटीकता पर जोर देते हुए बताया कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं थे। "हमने केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया। हमारा हर निशाना सटीक था, और हमने कहीं और हमला नहीं किया। पूरा ऑपरेशन केवल 23 मिनट में पूरा हुआ।" उन्होंने स्वदेशी तकनीक के उपयोग पर गर्व जताते हुए कहा, "हमें इस बात पर गर्व है कि ऑपरेशन सिंदूर में हमने अपनी स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया। चाहे वह ब्रह्मोस मिसाइल हो, इंटीग्रेटेड एयर कंट्रोल एंड कमांड सिस्टम हो, या रडार, सभी ने बखूबी काम किया।" डोभाल ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन भारत की सामरिक और तकनीकी क्षमता का प्रतीक है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाया। ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके प्रतिशोध में 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। डोभाल ने कहा कि ऑपरेशन की सटीकता ऐसी थी कि भारत को ठीक-ठीक पता था कि "कौन कहां है।" विदेशी मीडिया पर निशाना साधते हुए डोभाल ने कहा कि कुछ समाचार एजेंसियों ने तथ्यहीन और भ्रामक खबरें फैलाईं। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 एयरबेस, जैसे सरगोधा, रहीम यार खान, और चकलाला, को नुकसान पहुंचा दिखाया गया, लेकिन भारत के नुकसान की कोई तस्वीर सामने नहीं आई। डोभाल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "भारत एक ऐसी सभ्यता और राष्ट्र है, जिसने हजारों वर्षों तक संघर्ष और अपमान सहा है। हमारे पूर्वजों ने इस राष्ट्र की चेतना को जीवित रखने के लिए बहुत कुछ सहा। आज हम उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।" उन्होंने स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर देते हुए कहा कि भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग और अंतरिक्ष तकनीक जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व करना होगा। यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी बात को मजबूती से रख सकता है। डोभाल के इस बयान ने न केवल विदेशी मीडिया के दावों को खारिज किया, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और रणनीतिक शक्ति को भी रेखांकित किया।
एक कांच भी नहीं टूटा’: ऑपरेशन सिंदूर पर एनएसए अजित डोभाल का बड़ा बयान।