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Tuesday, 8 July 2025

शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान, F&O सेगमेंट में 1.06 लाख करोड़ रुपये का घाटा

शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान, F&O सेगमेंट में 1.06 लाख करोड़ रुपये का घाटा
शेयर बाजार की अस्थिरता का सबसे ज्यादा खामियाजा छोटे और रिटेल निवेशकों को भुगतना पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में रिटेल निवेशकों को लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह नुकसान पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुए 74,812 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में 41% अधिक है। 

हर 10 में से 9 निवेशकों को नुकसान

सेबी (SEBI) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के तीनों तिमाहियों में रिटेल निवेशकों का नुकसान लगातार बढ़ा है। अध्ययन से पता चलता है कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में नुकसान झेलने वाले रिटेल निवेशकों का प्रतिशत 91% पर स्थिर रहा है। यानी, F&O सेगमेंट में हर 10 में से 9 रिटेल निवेशक अपनी पूंजी गंवा रहे हैं। सेबी द्वारा F&O ट्रेडिंग नियमों में बदलाव के बावजूद नुकसान में कोई कमी नहीं आई है।[]

जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी का खुलासा
यह रिपोर्ट अमेरिका स्थित एल्गो ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी के आदेश के बाद जारी की गई है। सेबी ने खुलासा किया कि जेन स्ट्रीट ने भारतीय शेयर बाजार से 26 महीनों में कुल 36,700 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें से 4,850 करोड़ रुपये का मुनाफा अनुचित तरीकों से हासिल किया गया।

कड़े नियमों के बावजूद नुकसान बरकरार

सेबी ने रिटेल निवेशकों को हो रहे नुकसान को देखते हुए F&O सेगमेंट में कई नियमों को कड़ा किया है। हाल ही में लागू किए गए नियमों के चलते इक्विटी F&O सेगमेंट में व्यक्तिगत ट्रेडरों की संख्या वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 61.4 लाख से घटकर चौथी तिमाही में 42.7 लाख हो गई। हालांकि, निवेशकों की संख्या में कमी आई है, लेकिन नुकसान का स्तर कम नहीं हुआ। सेबी ने 20 नवंबर, 2024 को नए नियम लागू किए, जिनमें वीकली एक्सपायरी को कम करना, लॉट साइज बढ़ाना और ट्रेडिंग मार्जिन को बढ़ाना शामिल है।

निवेशकों के लिए सावधानी जरूरी

 F&O ट्रेडिंग में उच्च जोखिम के बावजूद रिटेल निवेशक त्वरित मुनाफे की उम्मीद में इसमें कूद पड़ते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को बाजार की गतिशीलता को समझने और वित्तीय सलाहकार की मदद लेने की जरूरत है। सेबी भी निवेशकों को जागरूक करने और जोखिम कम करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है, लेकिन नुकसान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।