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Thursday, 25 September 2025

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप, दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस; आरोपी फरार

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप, दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस; आरोपी फरार
नई दिल्ली, 25 सितंबर 2025

दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में पढ़ने वाली कम से कम 17 छात्राओं ने संस्थान के निदेशक और स्वघोषित संत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (उर्फ पार्थ सारथी) पर यौन उत्पीड़न, धमकी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस ने 4 अगस्त को वसंत कुंज नॉर्थ थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 319(2), 318(4), 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी, जो ओडिशा मूल के 62 वर्षीय हैं, फरार हैं और पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। 

 आरोपों का खुलासा: धमकी और शोषण का सिलसिला छात्राओं के अनुसार, यह उत्पीड़न अक्टूबर 2024 में शुरू हुआ, जब वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे के तहत पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) कोर्स कर रही थीं। स्वामी चैतन्यानंद ने कथित तौर पर छात्राओं को अश्लील व्हाट्सएप संदेश भेजे, जैसे "आई लव यू बेबी", और विदेश यात्रा का लालच देकर रात में अपने क्वार्टर पर बुलाया। यदि वे इनकार करतीं, तो परीक्षा में फेल करने या स्कॉलरशिप रद्द करने की धमकी दी जाती। एक छात्रा के बयान में कहा गया कि आरोपी ने अनचाही शारीरिक छुए-मांगे की कोशिश की और अपशब्दों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें से 17 ने स्पष्ट आरोप लगाए। जांच के दौरान पता चला कि संस्थान की कुछ महिला कर्मचारियां आरोपी के साथ मिली हुई थीं, जो छात्राओं पर दबाव डालतीं और उन्हें "संत की आज्ञा मानने" के लिए उकसातीं। संस्थान, जो कर्नाटक के श्रींगेरी शारदा पीठम से जुड़ा था, ने स्वामी को पद से हटा दिया है। पीठम ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा, "स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने अवैध और अनुचित गतिविधियां की हैं, इसलिए हमने उनसे सभी संबंध तोड़ लिए हैं।" 

धोखाधड़ी का अलग कोण: नकली डिप्लोमेटिक नंबर वाली लग्जरी कार जांच के दौरान संस्थान के बेसमेंट से एक लाल रंग की वोल्वो कार बरामद हुई, जिस पर संयुक्त राष्ट्र का नकली डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट "39 यूएन 1" लगा था। पुलिस का मानना है कि आरोपी खुद इस नंबर प्लेट को जाली बनाकर इस्तेमाल कर रहे थे। इस मामले में 25 अगस्त को धारा 345(3), 318(4), 336(3) और 340(2) के तहत अलग एफआईआर दर्ज की गई, और कार जब्त कर ली गई। अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह नंबर कभी यूएन द्वारा जारी नहीं किया गया। 

पुलिस की कार्रवाई: छापेमारी और फरार आरोपी की तलाश दिल्ली पुलिस की एक टीम गुरुवार को संस्थान पहुंची, जहां सीसीटीवी फुटेज जब्त किया गया और वीडियो रिकॉर्डर के हार्ड डिस्क फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए। आरोपी आखिरी बार आगरा के पास देखे गए थे और लगातार लोकेशन बदल रहे हैं। एडिशनल डीसीपी ऐश्वर्या सिंह ने पीटीआई को बताया, "जांच जारी है, छात्राओं के बयान लिए जा रहे हैं। हम संबंधित धाराओं में सख्त कार्रवाई करेंगे।" एनसीडब्ल्यू चेयरपर्सन विजया राहतकर ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। 

 स्वामी चैतन्यानंद का अतीत: संत से विवादास्पद चेहरे तक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, पहले डॉ. स्वामी पार्थ सारथी के नाम से जाने जाते थे, पिछले 12 वर्षों से दिल्ली के श्री शारदा पीठम के संचालक थे। वे ओडिशा से हैं और संस्थान को "आध्यात्मिक शिक्षा" का केंद्र बताते थे। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब उन पर आपराधिक आरोप लगे हैं। पीठम ने 2008 में दिए गए पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द कर दिया था। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले शैक्षिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं, खासकर स्कॉलरशिप छात्राओं के लिए। 

आगे की राह: न्याय की उम्मीद, लेकिन सतर्कता जरूरी छात्राओं ने कहा, "हमने हिम्मत जुटाकर आवाज उठाई, अब न्याय चाहते हैं।" पुलिस ने संस्थान के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी तक सीमित है, बल्कि शैक्षिक संस्थानों में उत्पीड़न रोकने के लिए सख्त नीतियों की मांग भी करता है। आरोपी की गिरफ्तारी होते ही नया मोड़ आ सकता है, लेकिन फिलहाल दिल्ली पुलिस की तलाश तेज हो गई है।